सीमति दायरे में रहेगा बाजार

Live 7 Desk

मुंबई 20 अक्टूबर (लाइव 7) विदेशी फोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की लगातार जारी बिकवाली, कंपनियों की दूसरी तिमाही के कमजोर परिणाम और ऊंचे मूल्यांकन पर हुई बिकवाली के दबाव में बीते सप्ताह गिरावट पर रहे घरेलू शेयर बाजार अगले सप्ताह सीमति दायरे में कारोबार करेगा।
बीते सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 156.6 अंक अर्थात 0.21 प्रतिशत कमजोर होकर सप्ताहांत पर 81224.75 अंक पर आ गया। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 110.2 अंक यानी 0.44 प्रतिशत उतरकर 24854.05 अंक पर बंद हुआ।
समीक्षाधीन सप्ताह में बीएसई की दिग्गज कंपनियों की तरह मझौली और छोटी कंपनियों के शेयरों में भी बिकवाली का दबाव रहा। इससे मिडकैप 490.5 अंक अर्थात 1.01 प्रतिशत का गोता लगाकर सप्ताहांत पर 47946.33 अंक और स्मॉलकैप 100.04 अंक यानी 0.21 प्रतिशत टूटकर 56500.05 अंक रह गया।
विश्लेषकों के अनुसार, बीते सप्ताह एफपीआई की लगातार जारी बिकवाली, कंपनियों की वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही की उम्मीद से कमजोर परिणाम और ऊंचे मूल्यांकन पर हुई बिकवाली का दबाव रहा। कमजोर मांग और इनपुट कीमतों में अस्थिरता के कारण तिमाही के दौरान कंपनियों की आय में मंदी रही। साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले भू-राजनीतिक तनाव और अनिश्चितता से निवेशकों ने निवेश के सुरक्षित गंतव्य स्वर्ण की ओर रुख किया, जिससे इस कीमती धातु के भाव नये रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए।
वहीं, एक प्रमुख ऑटो कंपनी द्वारा त्योहारी मांग कमजोर रहने की चेतावनी से सूचकांकों पर दबाव और बढ़ गया। दूसरी ओर बैंक निफ्टी ने उम्मीद से कम गिरावट के साथ आय सत्र की सकारात्मक शुरुआत के कारण चालू सप्ताह के नुकसान की भरपाई कर ली, जिससे बड़े निजी बैंकों को समर्थन मिला।
चीन के प्रोत्साहन उपायों के कारण शेयरों के भाव सस्ते रहने से घरेलू बाजार की तुलना में निवेश का प्रवाह चीनी बाजारों की ओर रहने की उम्मीद है। हालांकि विकास में स्थिरता और पूंजीगत व्यय में वृद्धि के साथ घरेलू बाजार के लिए दीर्घकालिक दृष्टिकोण मजबूत बना हुआ है। अल्पावधि में बाजार के मिश्रित रुझान के साथ सीमित दायरे में रहने का अनुमान है। वहीं, निवेशकों को ऐसे समय में समूह और शेयर विशेष की ओर अधिक रुख करने की सलाह दी जाती है।
इनके अलावा निवेशकों का फोकस लार्ज कैप और स्टेपल, कृषि, एफएमसीजी, खपत, बिजली, डिजिटल और इंफ्रा जैसे विकास क्षेत्रों पर रहेगा। निवेशकों को अल्पकालिक से मध्यम अवधि के आधार पर गिरावट पर खरीदारी की रणनीति रखनी चाहिए।
बीते सप्ताह बाजार में दो दिन तेजी जबकि तीन दिन गिरावट रही। चीन के पिछले सप्ताह किए गए प्रोत्साहन वादे के दुनिया भर के निवेशकों को आकर्षित करने में विफल रहने से विश्व बाजार के मिलेजुले रुख के बीच स्थानीय स्तर पर वित्तीय सेवाएं, आईटी, बैंकिंग, रियल्टी और टेक समेत पंद्रह समूहों में हुई लिवाली की बदौलत सोमवार को सेंसेक्स 591.69 अंक की छलांग लगाकर 81,973.05 अंक और निफ्टी 163.70 अंक उछलकर 25,127.95 अंक पर बंद हुआ।
वहीं, विश्व बाजार के मिलेजुले रुख के बीच स्थानीय स्तर पर बजाज फाइनेंस, रिलायंस, टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, एसबीआई और मारुति समेत 21 दिग्गज कंपनियों में हुई बिकवाली के दबाव में मंगलवार को शेयर बाजार शुरूआती तेजी गंवाकर गिरावट के साथ बंद हुआ। सेंसेक्स 152.93 अंक टूटकर 81,820.12 अंक और निफ्टी 70.60 अंक उतरकर 25,057.35 अंक रह गया।
विदेशी बाजारों के मिलेजुले रुख के बीच स्थानीय स्तर पर सीडी, आईटी, ऑटो और टेक समेत तेरह समूहों में हुई बिकवाली के दबाव में बुधवार को सेंसेक्स 318.76 अंक की गिरावट लेकर 81,501.36 अंक और निफ्टी 86.05 अंक उतरकर 24,971.30 अंक पर रहा। विश्व बाजार के मिलेजुले रुख के बीच स्थानीय स्तर पर हुई चौतरफा बिकवाली से गुरुवार को शेयर बाजार लगातार तीसरे दिन लुढ़क गया। सेंसेक्स 494.75 अंक की गिरावट लेकर 81,006.61 अंक और निफ्टी 221.45 अंक कमजोर होकर 24,749.85 अंक रह गया।
वहीं, मांग को बढ़ावा देने के लिए चीन के नई नीतिगत कदम की बदौलत विदेशी बाजारों में आई तेजी से उत्साहित निवेशकों की स्थानीय स्तर पर कमोडिटीज, वित्तीय सेवाएं, यूटिलिटीज, बैंकिंग और धातु समेत बारह समूहों में हुई लिवाली से शुक्रवार को सेंसेक्स 218.14 अंक की बढ़ोतरी लेकर 81,224.75 अंक और निफ्टी 104.20 अंक की तेजी के साथ 24,854.05 अंक पर पहुंच गया।
 
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