राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन की 265 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी

Live 7 Desk

नयी दिल्ली, 30 अगस्त (लाइव 7) जल शक्ति मंत्रालय ने स्वच्छ गंगा मिशन के तहत जो परियोजनाओं को मंजू देती है जिस पर 265 करोड रुपए खर्च आने का अनुमान है।
राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन- एनएमसीजी कार्यकारी समिति की शुक्रवार को यहां हुई 56वीं बैठक में इन परियोजनाओं को मंजूरी प्रदान की गई। स्वच्छ गंगा मिशन के तहत गंगा नदी के पारिस्थितिकी तंत्र में सुधार के लिए इन योजनाओं को मंजूरी दी गई है। इससे गंगा में प्रदूषण कम होता है और गंगा की स्वच्छता कायम रखते हुए इसका संरक्षण सुनिश्चित होता है।
एनएमसीजी के महानिदेशक राजीव कुमार मित्तल की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में
गंगा नदी के प्रदूषण को कम करने के लिए उत्तर प्रदेश के डलमऊ रायबरेली में मल कीचड़ प्रबंधन की एक महत्वपूर्ण परियोजना को मंजूरी दी गई। परियोजना के तहत 15 किलोवाट सौर ऊर्जा संयंत्र और एक सौर इन्वर्टर के साथ एक आठ केएलडी मल कीचड़ शोधन संयंत्र स्थापित किया जाएगा। डीबीओटी मोड के आधार पर, परियोजना को 4.40 करोड़ रुपये की लागत से अनुमोदित किया गया है जो पांच वर्षों के लिए परियोजना के ओ एंड एम को कवर करता है।
मंत्रालय के अनुसार उत्तर प्रदेश में बुलंदशहर के गुलावठी शहर में सीवरेज परियोजना को मंजूरी दी गई है। परियोजना का उद्देश्य गंगा नदी की सहायक पूर्वी काली नदी में प्रदूषण को रोकना है, जो उत्तर प्रदेश के आठ जिलों से होकर बहती है। 50.98 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से स्वीकृत, यह परियोजना 15 वर्षों की अवधि के लिए ओ एंड एम के साथ 10 एमएलडी की क्षमता वाले नालों और सीवेज शोधन कार्यों के आईएंडडी को समर्पित है।
बैठक में प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ 2025 के दौरान और उसके बाद गंगा नदी और पर्यावरण के बारे में जागरूकता उत्पन्न करने के लिए 1.80 करोड़ रुपये की लागत से प्रयागराज में अर्थ गंगा केंद्र के निर्माण और रेलवे स्टेशन छिवकी की ब्रांडिंग के लिए मंजूरी दी गई है। जागरूकता फैलाने के अलावा परियोजना का उद्देश्य रोजगार के अवसर उत्पन्न करना और गंगा बेसिन की महिला एसएचजी का समर्थन करना है। इसके अलावा प्रकृति-आधारित समाधान के माध्यम से ऊपरी गोमती नदी बेसिन में निचले क्रम की धाराओं और सहायक नदियों के जीर्णोद्धार की योजना को भी अनुमोदित किया गया है।
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लाइव 7

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