स्थानीय निकायों में हर समस्या पर हो खुलकर चर्चा : बिरला

Live 7 Desk

मानेसर(हरियाणा), 03 जून (लाइव 7) लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा है कि स्थानीय निकाय लोकतंत्र की मजबूती के लिए अहम है और इसमें जवाबदेही सुनिश्चित कर हर समस्या पर लोकसभा तथा विधानसभाओं की तरह व्यापक चर्चा होनी चाहिए।
श्री बिरला ने गुरुवार को यहां शहरी स्थानीय निकायों के अध्यक्षों के दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि जनता की उम्मीदें सीधे सदन की कार्यवाही से जुड़नी चाहिए ताकि नगरपालिकाओं में लिए गये निर्णय जनता की अपेक्षाओं पर खरे उतरें। उनका कहना था कि स्थानीय निकायों में जन प्रतिनिधि चुनकर आते हैं इसलिए इन बैठकों में सिर्फ हंगामा नहीं बल्कि जनता के मुद्दों पर गहन चर्चा होनी चाहिए और जनता के मुद्दों का समाधान व्यापक विचार विमर्श से निकाला जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की पद्धतियों को सरल और आकर्षक बनाने की जरूरत है और ऐसा होता है तो गाँव से शहर तक लोग लोकतांत्रिक मूल्यों से जुड़े रहेंगे और जन प्रतिनिधि सभाओं में पारदर्शी तरीके से जनता की समस्याओं का विचार विमर्श के बाद निदान हो सकेगा। जनता के सवालों का जवाब और उनकी समस्याओं का समाधान स्थानीय निकायों में ही होना चाहिए, इसलिए निकायों की कार्यवाही का संचालन गरिमा के साथ किया जाना चाहिए। उनका कहना था कि सभी स्थानीय निकायों में सदन को आदर्श तरीके से चलाने का प्रयास होना चाहिए और पारदर्शिता से स्थानीय चुनौतियों का समाधान किया जाना चाहिए।
श्री बिरला ने कहा कि स्थानीय निकायों की बैठक में अक्सर व्यवधानों की खबरें आती रहती हैं। स्थानीय निकायों की बैठकें हंगामें के कारण स्थगित होने और हंगामें के बीच ही बजट पारित किये जाने की खबरें अखबारों की सुर्खियां बनती हैं हैं। यह लोकतंत्र और जनता के हित में नहीं है इसलिए स्थानीय निकाय में जनता के मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए और हंगामें के कारण सदन की कार्यवाही स्थगित नहीं होनी चाहिए। इससे लोगों का हक मारा जाता है और चुने हुए प्रतिनिधियों की प्रतिष्ठा को लेकर जनता के बीच गलत संदेश जाता है इसलिए स्थानीय निकाय सदस्यों का दायित्व है कि जनता की मांगों को सदन में रखकर उसे पूरा करें।
उन्होंने कहा कि हंगामा लोकतंत्र की आदर्श परंपरा नहीं है। लोकसभा ने लोकतंत्र की इस परंपरा को आगे बढा़ते हुए सदन की कार्यवाही चलाते रहने का निर्णय लिया था और अब लोकसभा पहले की तरह हंगामे के कारण स्थगित नहीं की जाती है। उन्होंने कहा कि 16 और 17वीं लोकसभा में हंगामे के कारण बार बार सदन की कार्यवाही स्थगित हो जाती थी लेकिन लेकिन अब इसमें बड़ा बदलाव आया है और हंगामे के कारण सदन स्थगित नहीं किया जा रहा है। हंगामे के कारण संसद में व्यवधान कम हुआ है। इसी तरह से नगरपालिकाओं में भी सदन सुचारू रूप से चलने चाहिए। लोकतंत्र के लिए हंगामा ठीक नहीं है इसलिए हर राजनीतिक दल को सदन में रचनात्मक चर्चा में सहयोग करना चाहिए और सभी मिलकर नगर की समस्याओं पर सकारात्मक बहस करनी चाहिए।
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि विकसित भारत के निर्माण में शहरी निकायों को नयी जिम्मेदारी निभानी होगी, इसलिए 2047 तक देश को विकसित करने के सपनों को पूरा करने में नगर निकायों की भागीदारी जरूरी है। स्वच्छता आंदोलन की तरह हर शहरी मुद्दे को जनआंदोलन में बदलना होगा और हर विषय में जनता की भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी। स्थानीय निकायों में प्रश्नकाल और शून्यकाल चलने चाहिए।
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि सबका साथ सबका विकास सरकार का दायित्व है और स्थानीय शहरी निकायों में प्रदूषण जैसी समस्या नहीं हो, इसके लिए इलैक्टीकल वाहनों के संचालन पर ध्यान देने के साथ ही स्वच्छता को महत्व देते हुए हर शहर को स्लममुक्त बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्थानीय निकाय लोकतंत्र की प्रथम पाठशाला है और इसकी बैठकों में स्थानीय मुद्दों पर गहन तथा व्यापक चर्चा होनी चाहिए और लोकतंत्र को मजबूत बनाने का काम होना चाहिए।
  जितेन्द्र
लाइव 7

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