नयी दिल्ली 12 दिसंबर (लाइव 7) राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में फरीदाबाद के अमृता अस्पताल में 13 वर्षीय एक लड़की की जटिल खोपड़ी प्रतिरोपण सर्जरी (स्कैल्प रीप्लांटेशन) सफलतापूर्वक करके उसे स्थायी विकृति से बचाया गया है जिसे एक दुर्लभ सर्जरी माना जा रहा है।
अस्पताल में सेंटर फॉर प्लास्टिक एंड रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी के प्रमुख डॉ. मोहित शर्मा ने गुरुवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सिर की पूरी त्वचा का सतह से अलग होना एक विनाशकारी चोट है और पुनर्रोपण की सफलता समय और उन्नत माइक्रोवस्कुलर सर्जिकल कौशल पर निर्भर करती है। प्रक्रिया के दौरान स्कैल्प को पुनसृर्जित करने के लिए रक्त वाहिकाओं, तंत्रिकाओं और ऊतकों को सावधानीपूर्वक फिर से जोड़ा जाता है।
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ की रहने वाली युवा मरीज को एक स्थानीय मेले में जेनरेटर के पंखे में उसके लंबे बाल फंस जाने से पूरी तरह सिर की त्वचा बालों समेत सतह से अलग हो गई। उसे नजदीकी अस्पताल ले जाया गया लेकिन विशेष माइक्रोवैस्कुलर सर्जिकल सुविधाओं की कमी के कारण उसे अमृता अस्पताल लाया गया।
उन्होंने कहा कि अमृता की बहु-विशेषज्ञ टीम ने इस सर्जरी को सफल बनाया, जिसमें पुनसृर्जित माइक्रोसर्जरी, एनेस्थिसियोलॉजी, बाल रोग और महत्वपूर्ण देखभाल के विशेषज्ञ शामिल हैं। रोगी की स्थिति लगभग सामान्य हो गई है और वह पहले की तरह स्कूल जाने लगी है। विशेषज्ञ टीम में एनेस्थिसियोलॉजी विभाग की सीनियर कंसलटेंट और असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ नीति गुलाटी बत्रा, बाल चिकित्सा न्यूरोसर्जरी के सीनियर कंसलटेंट डॉ. गुप्ता और प्लास्टिक एवं रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी की सीनियर कंसलटेंट डॉ.वसुंधरा जैन शामिल रहे।
डा शर्मा ने बताया कि चोट लगने के लगभग 10 घंटे बाद मरीज अमृता अस्पताल पहुंची थी और आपरेशन लगभग नौ घंटे तक चला। पूरे उपचार के दौरान तीन आपरेशन विभिन्न अंतराल पर किये गये। उन्होंने बताया कि परिवार की आर्थिक हालत सही नहीं हाेने की वजह से अस्पताल ने पीड़ित लड़की का नि:शुल्क उपचार किया है।
सत्या,
लाइव 7
सफलतापूर्वक की गयी दुर्लभ स्कैल्प रीप्लांटेशन सर्जरी
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