नयी दिल्ली, 25 नवंबर (लाइव 7) उच्चतम न्यायालय ने आपातकाल के दौरान भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्दों को शामिल किये जाने को चुनौती देने वाली याचिकाएं सोमवार को खारिज कर दीं।
मुख्य न्यायाधीश खन्ना और न्यायमूर्ति कुमार की पीठ ने कहा कि संबंधित रिट याचिकाओं पर आगे विचार-विमर्श और निर्णय की आवश्यकता नहीं है। पीठ ने कहा, “हमने स्पष्ट किया है कि इतने वर्षों के बाद प्रक्रिया को इस तरह से निरस्त नहीं किया जा सकता।” पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि ‘समाजवाद’ और ‘धर्मनिरपेक्षता’ क्या है और इसे कैसे लागू किया जाता है, यह सरकार की नीति पर निर्भर करेगा।
संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द शामिल किए जाने के खिलाफ याचिकाएं खारिज
Leave a Comment
Leave a Comment