बेंगलुरु, 02 अक्टूबर (लाइव 7) कर्नाटक में मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा) आवंटन घोटाले में बुधवार को आए एक नाटकीय मोड़ में मुख्यमंत्री सिद्दारमैया की पत्नी के अनुरोध पर 14 विवादास्पद भूखंडों का आवंटन आधिकारिक रूप से रद्द कर दिया गया।
एक अधिकारी ने आज यहां बताया कि मुडा ने यह आवंटन रद्द कर दिया ।
मुडा ने यह कदम मुख्यमंत्री की पत्नी बी एम पार्वती द्वारा विवादित भूखंडों को वापस करने के अभूतपूर्व अनुरोध के बाद उठाया है,जिससे मुख्यमंत्री और उनके परिवार पर भूमि आवंटन में अनियमितताओं के आरोपों से जुड़े विवाद में नयी जान फूंकी गई है।
कर्नाटक विधान परिषद के सदस्य एवं मुख्यमंत्री के बेटे डॉ. यतीन्द्र सिद्दारमैया ने मंगलवार को अपनी माँ की ओर से मुडा कार्यालय में 14 विवादित भूमि प्लॉट्स को छोड़ने की औपचारिक अर्जी दी।मुडा के आयुक्त रघुनंदन ने बिना कोई समय बर्बाद किए और मूल रूप से श्रीमती सिद्दारमैया को आवंटित भूखंडों के विक्रय पत्र को रद्द कर दिया। इसके साथ, विवादित भूमि अब मुडा के नियंत्रण में वापस आ गई है, हालांकि इस मुद्दे पर राजनीति अभी समाप्त नहीं हुई है।
श्री रघुनंदन ने कहा, “कानूनी विशेषज्ञों से सलाह लेने के बाद हमने श्रीमती सिद्दारमैया के नाम पर आवंटित 14 भूखडों को रद्द कर दिया है और सरकार को इसके बारे में सूचित कर दिया है। भूमि अब फिर से मुडा के कब्जे में हैं और हम अगले कदम को निर्धारित करने के लिए आगे कानूनी सलाह लेंगे।”
कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि आवंटन रद्द करने का निर्णय मुख्यमंत्री या उनके परिवार को इस बात की चल रही जांच से छूट प्रदान नहीं करता है कि आवंटन मूल रूप से उन्हें कैसे किया गया था।
इस घोटाले ने कर्नाटक की राजनीति में पहले ही उथल-पुथल मचा रखा है, जिसमें भारतीय जनता पार्टी के प्रताप सिम्हा सहित विपक्षी नेताओं ने मुख्यमंत्री पर हमला करने का अवसर प्रदान किया है।
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लाइव 7
श्रीमती सिद्दारमैया के अनुरोध पर 14 भूखंडों का आवंटन रद्द
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