श्रीनगर, 04 अगस्त (लाइव 7) श्री अमरनाथ की चांदी की गदा ‘छड़ी मुबारक’ को रविवार को हरियाली-अमावस्या (श्रावण अमावस्या) के अवसर पर पूजा-अर्चना के लिए शंकराचार्य मंदिर श्रीनगर ले जाया गया।
छड़ी मुबारक के संरक्षक महंत दीपेंद्र गिरि के नेतृत्व में स्वामी अमरनाथ की छड़ी मुबारक( चांदी की गदा) को सदियों पुराने रीति-रिवाजों के अनुसार आज गोपाद्री पहाड़ियों पर स्थित ऐतिहासिक शंकराचार्य मंदिर में ले जाया गया।
शंकराचार्य मंदिर में शंखों की ध्वनि से पूरा वातावरण मंत्रमुग्ध हो गया और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजा की गई।
पवित्र गदा के साथ आए साधुओं ने दो घंटे से अधिक समय तक चली प्रार्थना में भाग लिया।
जम्मू-कश्मीर में शांति और समृद्धि के लिए सामूहिक प्रार्थना भी की गई।
पहाड़ी का शिखर एक सुरम्य इमारत से सुसज्जित है। इस पहाड़ी को जेठा लारक कहा जाता था और बाद में इसका नाम गोपादरी पहाड़ी रखा गया।
महंत गिरि ने कहा कि इतिहासकारों का मानना है कि शीर्ष पर स्थित मंदिर मूल रूप से राजा सैंडिमन (2629-2564 ईसा पूर्व) द्वारा बनाया गया था।
उन्होंने कहा, “यह मंदिर पहले ज्येष्ठेश्वर या ज्योतेश्वर मंदिर के नाम से जाना जाता था। आदि शंकराचार्य जी के इस मंदिर में आने के बाद यह अब श्री शंकराचार्य मंदिर के नाम से लोकप्रिय है।’
उन्होंने बताया कि छड़ी-मुबारक को सोमवार को देवी के दर्शन के लिए श्रीनगर के हरि पर्वत पर ‘शारिका-भवानी’ मंदिर में ले जाया जाएगा।
कुल 52 दिनों तक चलने वाली अमरनाथ यात्रा 29 जून को पहलगाम के बालटाल गांदरबल और नुनवान के मार्गों से शुरू हुई और अब तक 4,90,540 भक्तों ने कश्मीर हिमालय में पवित्र गुफा मंदिर में दर्शन किए।
श्री अमरनाथ यात्रा 19 अगस्त को रक्षा बंधन के दिन समाप्त होगी।
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श्रावण अमावस्या के अवसर पर ‘छड़ी मुबारक’ को शंकराचार्य मंदिर ले जाया गया
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