विश्वबैंक, मुद्राकोष की रिपोर्ट भारतीय अर्थव्यवस्था के संचालन की सफलता का प्रमाण:सरकार

Live 7 Desk

नयी दिल्ली, 18 जनवरी (लाइव 7) भारत ने विश्वबैंक और अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की ताजा रिपोर्टों में देश को आगे अगले दो वर्ष भी दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ रही प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में दर्शाए जाने का उल्लेख करते हुए कहा कि यह देश में अपनाए गए समवेशी और नवाचार से संचालित विकास के रास्ते की सफलता का प्रमाण है।
इन दोनों रिपोर्टों में प्रस्तुत भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूत स्थिति का हवाला देते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने शनिवार को एक जारी एक विज्ञप्ति में कहा, ‘ भारत की उल्लेखनीय आर्थिक प्रगति समावेशी विकास और नवाचार-संचालित विकास के देश के अपने दृष्टिकोण का प्रमाण है। दूरदर्शी नीतियों को लागू करके, मजबूत बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देकर और डिजिटल परिवर्तन को अपनाकर, राष्ट्र अपनी वैश्विक स्थिति को फिर से परिभाषित कर रहा है।”
विज्ञप्ति में कहा गया है कि भारत में पूरे देश के बाजार को एकीकृत करने वाले माल और सेवा कर से लेकर स्टार्टअप इंडिया और उद्यमिता और विनिर्माण को बढ़ावा देने वाली उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना जैसी पहलों तक, राष्ट्र एक गतिशील और मजबूत अर्थव्यवस्था का निर्माण कर रहा है। इस गति के साथ, भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था के भविष्य को आकार देने के लिए तैयार है, जो अर्थव्यवस्था की शक्ति का उदाहरण है।
विश्वबैंक की इसी सत्पाह जारी जनवरी 2025 की ग्लोबल इकोनॉमिक प्रास्पेक्ट्स (जीईपी) में भारत की वृद्धि दर वित्त वर्ष 2025-26 और 2026-27 में 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। इन वर्षाें में वैश्विक अर्थव्यवस्था के वार्षिक 2.7 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है।
इसी सप्ताह जारी अंतराष्ट्रीय मुद्राकोष की रिपोर्ट में 2025 और 2026, दोनों वर्ष के लिए भारत की वृद्धि दर 6.5-6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।
विश्वबैंक की रिपोर्ट में इन दौरान ब्राजील की वृद्धि दर क्रमश: 2.2 और 2.3 प्रतिशत तथा चीन की 4.5 प्रतिशत और 4.0 प्रतिशत रहने का का अनुमान लगाया गया है।
विश्वबैंक की जीईपी रिपोर्ट में भारत की इस असाधारण गति का श्रेय देश के संपन्न सेवा क्षेत्र और सरकार की परिवर्तनकारी पहलों से पुनर्जीवित विनिर्माण के आधार को दिया गया है। बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण से लेकर करों को सरल बनाने तक, ये उपाय घरेलू विकास को बढ़ावा दे रहे हैं और भारत को वैश्विक आर्थिक स्थिरता की आधारशिला के रूप में स्थापित कर रहे हैं।
इसमें कहा गया है कि वृद्धि दर के मामले में भारत के निकटतम प्रतिकद्वंदी चीन की गति गिर रही है। ऐसे में “भारत का आगे बढ़ना केवल एक आंकड़ा नहीं है। यह महत्वाकांक्षा, नवाचार और बेजोड़ क्षमता की एक शक्तिशाली कहानी है।”
भारतीय अर्थव्यस्था 2023-24 में 8.2 प्रतिशत की दर से विश्व की सबसे तेजी से वृद्धि करने वाली अर्थव्यवस्था रही। सरकार के अनुमानों के अनुसार वैश्विक अर्थव्यवस्था की अनिश्चितताओं के बीच चालू वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की आर्थिक वृद्धि 6.4 प्रतिशत रहेगी।
  सैनी
लाइव 7

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