राष्ट्रीय योग संस्थान में 500 से अधिक लोगों ने किया सूर्य नमस्कार

Live 7 Desk

नयी दिल्ली 14 जनवरी (लाइव 7) मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान में मकर संक्रांति के पावन अवसर और सूर्य के दक्षिणी गोलार्ध से उत्तरी गोलार्ध की ओर यात्रा के उपलक्ष्य में मंगलवार को सामूहिक सूर्य नमस्कार प्रदर्शन का आयोजन किया।
संस्थान ने यहां बताया कि यह कार्यक्रम स्वास्थ्य और कल्याण का जीवंत उत्सव था, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों से आए लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने सूर्य नमस्कार के महत्व पर बल देते हुए कहा कि सूर्य नमस्कार हमारी धरोहर का अभिन्न अंग है, और इसका अभ्यास हमारे जीवन में संतुलन, समरसता और बेहतर स्वास्थ्य ला सकता है। सूर्य नमस्कार करना सूर्य के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने के समान है। एक वीडियो संदेश में उन्होंने कहा, “ मैं आप सभी से अनुरोध करता हूं कि इस अभ्यास को अपने दैनिक जीवन में शामिल करें और स्वस्थ जीवन जीयें।”
इस अवसर की शोभा बढ़ाने के लिए मुख्य अतिथि के रूप में आयुष मंत्रालय की संयुक्त सचिव कविता गर्ग उपस्थित थीं। सूर्य नमस्कार के लाभों पर प्रकाश डालते हुए श्रीमती गर्ग ने कहा, “सूर्य नमस्कार हमारे जीवन को नई ऊर्जा और स्फूर्ति से भर देता है। इस अभ्यास से हम अपने तन, मन और आत्मा से जुड़ते हैं, संतुलन, शांति और आंतरिक आनंद की अनुभूति करते हैं।” उन्होंने कहा कि सूर्य नमस्कार के परिवर्तनकारी प्रभाव का अनुभव करें और इसकी खुशी को दूसरों के साथ साझा करना चाहिए।
कार्यक्रम में इस कार्यक्रम में जयपुर के राष्ट्रीय योग संस्थान के प्रोफेसर संदीप लहंगे जैसे प्रतिष्ठित अतिथि भी उपस्थित थे।
कार्यक्रम से पहले संस्थान के निदेशक डॉ. काशीनाथ समगंडी ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक दीप प्रज्ज्वलन समारोह से हुई।
सूर्य नमस्कार के स्वास्थ्य लाभों पर जोर देते हुए डॉ. समगंडी ने कहा कि सूर्य नमस्कार प्रकृति से जुड़ने और अपने तन और मन को एकात्म करने का एक अद्भुत तरीका है। यह हमारे भीतर ऊर्जा,   और समरसता की भावना को प्रज्ज्वलित करता है। यह अभ्यास हमारे संस्थान की परंपरा का अभिन्न हिस्सा बन गया है, जो लोगों में एकता, अनुशासन और आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देता है। सूर्य नमस्कार एक आध्यात्मिक अभ्यास है, जिसमें आसन, प्राणायाम और ध्यान तकनीकें शामिल हैं। सूर्य नमस्कार का प्रत्येक चरण अलग-अलग मंत्रों से जुड़ा है और शरीर की ऊर्जा पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।
उन्होंने कहा कि नियमित सूर्य नमस्कार अभ्यास मानसिक और शारीरिक ऊर्जा तंत्र को संतुलित करता है। यह अनुक्रम मांसपेशियों और अंगों को सक्रिय करने के साथ-साथ एकाग्रता और मन की स्थिरता को बढ़ावा देता है।
इस कार्यक्रम में संस्थान के अधिकारी, केद्रीय सशस्त्र बल और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के जवान और विद्यार्थी उपस्थित थे। विभिन्न क्षेत्रों से आए 500 से अधिक विद्यार्थी और योग  ियों ने इस विशेष कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
सत्या,  
लाइव 7

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