राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन को स्वीकृति

Live 7 Desk

नयी दिल्ली 25 नवंबर (लाइव 7) केंद्र सरकार ने 2481 करोड़ रुपए के परिव्यय से राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन की स्वीकृति दी है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में सोमवार को यहां केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत एक केन्द्रीय योजना के रूप में राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन (एनएमएनएफ) के प्रस्ताव का अनुमोदन किया।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बैठक के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि इस योजना का 15वें वित्त आयोग (2025-26) तक कुल परिव्यय 2481 करोड़ रुपये होगा। इसमें केंद्र सरकार का हिस्सा 1584 करोड़ रुपये और राज्यों का हिस्सा 897 करोड़ रुपये है। उन्होंने बताया कि सरकार ने देश भर में मिशन मोड में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन (एनएमएनएफ) शुरू करने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा कि पारंपरिक ज्ञान के आधार पर किसान रसायन मुक्त खेती के रूप में प्राकृतिक खेती शुरू करेंगे।
श्री वैष्णव ने कहा कि एनएमएनएफ का उद्देश्य सभी के लिए सुरक्षित और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के लिए प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना है। प्राकृतिक खेती स्वस्थ मृदा पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण और रखरखाव करेगी, जैव विविधता को बढ़ावा देगी और स्थानीय कृषि पारिस्थितिकी के लिए उपयुक्त लचीलापन बढ़ाने के लिए विविध फसल प्रणालियों को प्रोत्साहित करेगी।
उन्होंने कहा कि अगले दो वर्षों में, एनएमएनएफ को इच्छुक ग्  पंचायतों के 15,000 समूहों में लागू किया जाएगा, तथा एक करोड़ किसानों तक पहुंचा जाएगा और 7.5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में प्राकृतिक खेती शुरू की जाएगी। किसानों के उपयोग के लिए सामग्री की सरल उपलब्धता और पहुंच के लिए आवश्यकता-आधारित 10,000 जैव-इनपुट संसाधन केंद्र (बीआरसी) स्थापित किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि कृषि विज्ञान केंद्रों , कृषि विश्वविद्यालयों और किसानों के खेतों में लगभग 2000 मॉडल प्रदर्शन फार्म स्थापित किए जाएंगे और इन्हें अनुभवी और प्रशिक्षित किसान मास्टर प्रशिक्षकों से सहायता दी जाएगी। इसके अलावा 18.75 लाख प्रशिक्षित इच्छुक किसान अपने पशुओं का उपयोग करके या बीआरसी से खरीद कर जीवामृत, बीजामृत आदि जैसे आदान तैयार करेंगे। जागरुकता पैदा करने, जुटाने और क्लस्टरों में इच्छुक किसानों की मदद करने के लिए 30,000 कृषि सखियों और सीआरपी को तैनात किया जाएगा। किसानों को एक सरल प्रमाणन प्रणाली और सामान्य ब्रांडिंग प्रदान की जाएगी ताकि उन्हें अपने प्राकृतिक कृषि उत्पादों को बाजार तक पहुंच प्रदान की जा सके।
सत्या अशोक
लाइव 7

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