ओस्लो, 03 जून (लाइव 7) केन्द्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल की मौजूदगी में मंगलवार को यहाँ कोलकाता की गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड और नॉर्वे की कंपनी कॉन्ग्सबर्ग के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता किया जिससे भारत को अपना पहला ध्रुवीय अनुसंधान पोत स्वदेश में बनाने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
इस मौके पर श्री सोनोवाल ने कहा, “यह समझौता ज्ञापन उम्मीद और प्रगति की एक किरण है, जो भारत की वैज्ञानिक उन्नति और सतत विकास के प्रति अटूट प्रतिबद्धता का प्रतीक है। हम सिर्फ एक पोत नहीं बना रहे, बल्कि एक विरासत बना रहे हैं, नवाचार, खोज और अंतरराष्ट्रीय सहयोग की विरासत, जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह समझौता भारत की वैज्ञानिक खोज, ध्रुवीय और समुद्री अनुसंधान में क्षमता वृद्धि और जलवायु परिवर्तन जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटने में योगदान का संकल्प है।”
भारत बनाएगा अपना पहला ध्रुवीय अनुसंधान पोत
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