जाॅर्जटाउन 20 नवंबर (लाइव 7) भारत एवं कैरेबियाई देश गुयाना ने दस क्षेत्रों में परस्पर सहयोग को मजबूत करने के साथ ही ऊर्जा सुरक्षा के लिए एक दीर्घकालिक रणनीति पर सहमति जताई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गुयाना के राष्ट्रपति इरफान अली ने यहां द्विपक्षीय शिखर बैठक में यह सहमति जताई और कृषि, हाइड्रोकार्बन, फार्मास्यूटिकल्स, चिकित्सा उपकरणों के निर्माण, संस्कृति, प्रसारण, डिजिटल बुनियादी ढांचे खास कर यूपीआई आदि 10 क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर एवं आदान-प्रदान किया।
श्री मोदी ने अपने प्रेस वक्तव्य में कहा कि आज की बैठक में हमने हमारे सहयोग को मजबूत करने के लिए कई नयी पहलों की पहचान की है। हमारे आपसी व्यापार और आर्थिक सहयोग को बढ़ाने के लिए हम निरंतर प्रयास करते रहेंगे। गयाना के लोगों की आवश्यकताओं के अनुरूप उनके कौशल विकास और क्षमता निर्माण में भारत ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यह भारत के लिए उच्च प्राथमिकता का विषय है। हम इस सहयोग को आगे बढ़ाएंगे। कृषि के क्षेत्र में हमारा करीबी सहयोग रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष भारत द्वारा दिए गए श्रीअन्न के बीजों से हम गुयाना के साथ साथ पूरे क्षेत्र की खाद्य सुरक्षा बढ़ाने में अपना योगदान दे सके। उसी प्रकार से चावल मिलिंग, गन्ना, मक्का, सोया तथा अन्य फसलों की खेती बढ़ाने में भी हम सहयोग करेंगे। हम दोनों देशों के कृषि अनुसंधान संस्थानों के बीच सहयोग बढ़ाने पर भी सहमत हुए। कृषि के क्षेत्र में आज किए जा रहे समझौते से हमारे प्रयासों को बल मिलेगा।
उन्होंने कहा कि भारत फार्मा उत्पादों के लिए गयाना का महत्वपूर्ण स्रोत है। हम फार्मा निर्यात बढ़ाने के साथ ही गयाना में जन औषधि केंद्र बनाने पर भी काम करेंगे। गयाना के बुनियादी ढांचे के विकास में भारत एक विश्वसनीय साझीदार के रूप में योगदान देता रहा है। मुझे ख़ुशी है कि हमारे प्रयासों से ईस्ट बैंक ईस्ट कोस्ट सड़क परियोजना का पहला चरण संपन्न होने जा रहा है।
श्री मोदी ने कहा कि पिछले वर्ष भारत द्वारा आपूर्ति की गई यात्री एवं मालवहन फेरी से गयाना के विभिन्न क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बढ़ी है। टेक्नॉलजी में सहयोग बढ़ाते हुए हम अपने संबंधों को एक भविष्योन्मुखी दिशा दे रहे हैं। भारत के डिजिटल बुनियादी ढांचे यानि इंडिया स्टेक से जनसेवा में क्रांतिकारी बदलाव किया जा रहा है। साथ ही यह सुशासन और पारदर्शिता बढ़ाने का भी प्रभावी माध्यम है। टेक्नॉलॉजी के माध्यम से जन कल्याण सुनिश्चित करने का हमारा अनुभव हम गयाना के साथ साझा करेंगे। ऊर्जा के क्षेत्र में नई संभावनाओं को देखते हुए हम स्वाभाविक साझीदार के रूप में आगे बढ़ेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की ऊर्जा सुरक्षा में गयाना की अहम भूमिका होगी। इस संदर्भ में दीर्घकालिक साझीदारी के लिए एक खाका तैयार किया जायेगा। इस विषय पर आज किए जा रहे समझौते से हमारा सहयोग और सुदृढ़ होगा।
उन्होंने कहा, “मुझे ख़ुशी है कि गयाना भारत द्वारा लिए गए अंतरराष्ट्रीय सौर गठजोड़, आपदारोधी ढांचे के लिए गठजोड़, वैश्विक जैविक ईंधन गठबंधन जैसी पहलों से जुड़ा हुआ है। इससे हम पूरे विश्व में हरित और टिकाऊ भविष्य की ओर बढ़ने के प्रयासों को सशक्त कर सकेंगे। रक्षा के क्षेत्र में करीबी सहयोग हमारे गहरे आपसी विश्वास का प्रतीक है। मुझे खुशी है कि इस वर्ष भारत द्वारा दो डोर्नियर विमान गयाना को आपूर्ति किए गए हैं। हम छात्रवृत्ति और प्रशिक्षण के माध्यम से गयाना के सैनिकों की क्षमता निर्माण में अपना योगदान देते रहेंगे।”
उन्होंने कहा कि आज की बैठक में हमने कई वैश्विक एवं क्षेत्रीय मुद्दों पर भी चर्चा की। भारत और गयाना सहमत है कि सभी समस्याओं का समाधान संवाद और कूटनीति से होना चाहिए। हम एकमत हैं कि ग्लोबल संस्थाओं में सुधार आज के समय की मांग है। जलवायु न्याय हम दोनों के लिए प्राथमिकता का विषय है। सभी विषयों पर हम मिलकर प्रयास करते रहेंगे।
श्री मोदी ने कहा कि एक सौ अस्सी वर्ष पहले भारत से यहाँ आए लोगों ने हमारे संबंधों की आधारशिला रखी थी। आज भारतीय समुदाय के लोगों का गयाना के विकास में बहुत महत्वपूर्ण योगदान है। राष्ट्रपति इरफान अली स्वयं भारतीय समुदाय के बहुत बड़े ब्रांड एम्बेसेडर हैं। यह मेरे लिए और एक सौ चालीस करोड़ भारतवासियों के लिए अत्यन्त गर्व का विषय है। जिस धूम-धाम से यहाँ “फगवा” का पर्व मनाया जाता है, वह भारत और गयाना की संस्कृतियों के अद्भुत संगम को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि इस तरह के अनेक उदाहरण गयाना में कदम कदम पर दिखाई पड़ते हैं। आज हम दोनों देशों के बीच 2027 तक सांस्कृतिक आदान-प्रदान समझौते पर सहमति बनी है। इससे हमारे देशों की जनता के बीच संबंध और मजबूत होंगे। राष्ट्रपति इरफान अली भारतीय समुदाय के लोगों की भलाई के लिए सदैव तत्पर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कैरीबियन की गार्डन सिटी, जॉर्जटाउन में हमारे भव्य स्वागत के लिए मैं राष्ट्रपति इरफान अली और उनकी पूरी टीम का का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ। छप्पन वर्षों के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री का गयाना की यात्रा पर आना हमारे संबंधों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
उन्होंने कहा कि गयाना के साथ मेरा निजी रूप से गहरा नाता रहा है। लगभग चौबीस वर्ष पहले एक सामान्य नागरिक रूप में मुझे यहाँ आने का अवसर मिला था। भारत और गयाना के संबंध कितने ऐतिहासिक और गहरे हैं, उसकी झलक मैंने उस समय देखी थी। आज प्रधानमंत्री के रूप में एक बार फिर यहाँ आना मेरे लिए सौभाग्य की बात है।
श्री मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति इरफान अली का भारत के साथ एक विशेष और अटूट नाता है। पिछले वर्ष उन्होंने मुख्य अतिथि के रूप में प्रवासी भारतीय दिवस की शोभा बढ़ाई। उनकी यात्रा से हर क्षेत्र में हमारे सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की प्रेरणा मिली थी। इसी सकारात्मक भाव से आगे बढ़ते हुए हम अपनी पारस्परिक लाभकारी साझीदारी की रचना कर रहे हैं।
सैनी
लाइव 7
भारत एवं गुयाना ने दस क्षेत्रों में परस्पर सहयोग को करेंगे मजबूत
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