ढाका, 09 दिसंबर (लाइव 7) विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बंगलादेश की अंतरिम सरकार के साथ अल्पसंख्यक समुदायों पर हिंसक हमलों और सांस्कृतिक, धार्मिक और राजनयिक संपत्तियों की तोड़फोड़ की घटनाओं पर भारत की चिंताओं को साझा किया और व्यक्त की कि बंगलादेश सरकार सकारात्मक एवं रचनात्मक रुख अपनाएगी।
भारत बंगलादेश विदेश कार्यालय प र्श की बैठक में भाग लेने आए विदेश सचिव ने अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार डॉ. मुहम्मद युनुस और विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन से मुलाकात की तथा विदेश सचिव जशीम उद्दीन के साथ विदेश कार्यालय प र्श बैठक में भाग लिया।
विदेश कार्यालय प र्श बैठक के बाद मीडिया को एक वक्तव्य में कहा, “मैं अपने बंगलादेशी सहयोगी, बंगलादेश के विदेश सचिव महामहिम मोहम्मद जशीमुद्दीन के निमंत्रण पर भारत और बंगलादेश के बीच अत्यंत महत्वपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों के सभी मुद्दों पर चर्चा और प र्श के लिए ढाका में हूँ। इस वर्ष अगस्त में बंगलादेश में हुए राजनीतिक परिवर्तनों के बाद से, हमारे नेतृत्व के बीच निश्चित रूप से संपर्क रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पदभार ग्रहण करने पर मुख्य सलाहकार को बधाई देने वाले पहले विश्व नेता थे।”
उन्होंने कहा कि इसके बाद दोनों के बीच बहुत ही सौहार्दपूर्ण टेलीफोन पर बातचीत हुई और मुख्य सलाहकार ने इस वर्ष अगस्त में आयोजित तीसरे वॉयस ऑफ द ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन में बोलने के लिए प्रधानमंत्री के निमंत्रण को भी स्वीकार कर लिया। तब से, विदेश मंत्री और विदेश मामलों के सलाहकार भी संपर्क में हैं। वे इस वर्ष सितंबर में न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के मौके पर एक-दूसरे से मिले थे और यह यात्रा उन मुलाकातों के बाद हुई है और उन घटनाक्रमों के बाद दोनों पक्षों के बीच पहली विदेश सचिव स्तर की संरचित बातचीत है।
श्री मिस्री ने कहा, “आज की चर्चाओं ने हम दोनों को अपने संबंधों का जायजा लेने का अवसर दिया है, और मैं आज अपने सभी लाइव 7कारों के साथ विचारों का स्पष्ट, स्पष्ट और रचनात्मक आदान-प्रदान करने के अवसर की सराहना करता हूँ। मैंने इस बात पर जोर दिया कि भारत बंगलादेश के साथ सकारात्मक, रचनात्मक और पारस्परिक रूप से लाभकारी संबंध चाहता है। हमने अतीत में हमेशा देखा है और हम भविष्य में भी इस संबंध को एक जनकेंद्रित और जनोन्मुखी संबंध के रूप में देखते रहेंगे, जिसका केंद्रीय प्रेरक बल सभी लोगों का लाभ है।”
श्री मिस्री ने कहा कि यह बंगलादेश में जमीनी स्तर पर क्रियान्वित की गई विकास परियोजनाओं में दैनिक आधार पर परिलक्षित होता है और जिनका विकास जारी है। यह व्यापार, वाणिज्य, संपर्क, बिजली, पानी और ऊर्जा, तथा विकास सहयोग, कांसुलर सहयोग और सांस्कृतिक सहयोग से लेकर कई मुद्दों पर हमारे पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग में भी परिलक्षित होता है। ऐसा कोई कारण नहीं है कि यह पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग हमारे दोनों लोगों के हितों को पूरा करने के लिए जारी न रहे।
विदेश सचिव ने कहा, “इसी उद्देश्य से, मैंने आज बंगलादेश की अंतरिम सरकार के अधिकारियों के साथ मिलकर काम करने की भारत की इच्छा को रेखांकित किया है। साथ ही, हमें हाल के कुछ घटनाक्रमों और मुद्दों पर चर्चा करने का अवसर भी मिला, और मैंने अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और कल्याण से संबंधित चिंताओं सहित अपनी चिंताओं से अवगत कराया। हमने सांस्कृतिक, धार्मिक और राजनयिक संपत्तियों पर हमलों की कुछ खेदजनक घटनाओं पर भी चर्चा की।”
श्री मिस्री ने कहा कि बंगलादेश के अधिकारियों द्वारा इन सभी मुद्दों पर रचनात्मक दृष्टिकोण अपनाया गया है, तथा हम करते हैं कि रिश्ते सकारात्मक, दूरदर्शी और रचनात्मक दिशा में आगे बढ़ेंगे।
अशोक
लाइव 7
बंगलादेश में अल्पसंख्यक समुदायों पर हिंसक हमले और तोड़फोड़ की घटनाओं पर भारत ने जतायी चिंता
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