धनखड़ ने राष्ट्रपति पर की गयी टिप्पणी को बताया ‘अपमानजनक’

Live 7 Desk

नयी दिल्ली 21 फरवरी (लाइव 7) उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु पर की गयी टिप्पणी को ‘अपमाननजक’ करार देते हुए कहा है कि राजनीतिक ‘कोविड’ समाज में घुसपैठ कर भारतीय लोकतंत्र को नष्ट करने की साजिश रच रहा है।
श्री धनखड़ ने शुक्रवार को यहां कहा कि हमारी संस्थाओं को सुनियोजित तरीके से कलंकित किया जा रहा है।‌ राष्ट्रपति को उनकी संवैधानिक जिम्मेदारी निभाने पर भी अपमानित किया जाता है।
उपराष्ट्रपति एन्क्लेव में ‘राज्यसभा इंटर्नशिप कार्यक्रम’ के समापन समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “राजनीतिक कोविड ने हमारे समाज में घुसपैठ कर हमारे लोकतंत्र को नष्ट करने की कोशिश की है। इस घिनौनी साजिश में शामिल सभी लोगों को बेनकाब किया जाना चाहिए और कठोर कार्रवाई होनी चाहिए।”
संवैधानिक संस्थाओं की गरिमा बनाए रखने का आग्रह करते हुए श्री धनखड़ ने कहा कि देश के संवैधानिक पदाधिकारियों को अपमानित किया जा रहा है। राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति या प्रधानमंत्री राजनीतिक पद नहीं हैं बल्कि हमारी संस्थाएँ हैं। लोग इनके प्रति न्यूनतम सम्मान तक नहीं दिखा रहे हैं।
उन्होंने कहा, “मेरा दिल तब दुखता है जब हमारे देश की राष्ट्रपति, जो पहली आदिवासी महिला हैं, उन्हें अपमानित किया जाता है, जब वह संसद के संयुक्त सत्र में अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी निभाती हैं। उनकी आदिवासी पहचान पर सवाल उठाए जाते हैं। वह एक महिला हैं ,जिनका सेवा का असाधारण रिकॉर्ड है । वह विधायक, मंत्री, राज्यपाल और अब भारत की राष्ट्रपति के रूप में कार्यरत हैं।”
श्री धनखड़ ने कहा, “सबसे चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। यह अमेरिका के राष्ट्रपति का बयान है। धन लगाया गया ताकि हमारे लोकतांत्रिक परिणामों को प्रभावित किया जा सके। उन्होंने यहाँ तक कहा कि किसी और को चुनने की कोशिश की गई।”
श्री धनखड़ ने कहा कि चुनाव का अधिकार केवल भारतीय जनता को है। कोई भी जो इस प्रक्रिया में हेरफेर करता है। वह हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर कर रहा है। भारतीय लोकतंत्र को नष्ट कर रहा है और गुलामी की ओर धकेल रहा है।
अवैध प्रवासन पर चिंता व्यक्त करते हुए श्री धनखड़ ने कहा, “देश एक बड़ी चुनौती का सामना कर रहा है। हमारे बीच लाखों अवैध प्रवासी मौजूद हैं। वे हमारी कार्यशक्ति पर बोझ बना रहे हैं, हमारे लोगों को नौकरी, शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाओं और सरकारी योजनाओं से वंचित कर रहे हैं। यह घुसपैठ किसी आक्रमण से कम नहीं है।”
उन्होंने कहा, “हम शांति देख रहे हैं, लेकिन यह तूफान से पहले की शांति है। हमें इस तूफान को रोकना होगा। यह तभी संभव है जब लोग अपना दृष्टिकोण बदलें, अपनी चिंताओं को साझा करें और एक मजबूत जनमत तैयार करें।” अवैध अप्रवासन पर उपराष्ट्रपति‌ ने कहा, “हम टाइम बम पर खड़े हैं जो कभी भी फट सकता है। यूरोप में स्थितियां बिगड़ रही हैं।” उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता पर हर भारतीय को अपनी राय बनानी चाहिए। समान नागरिक संहिता में राजनीति नहीं घुसनी चाहिए ।
सत्या,  
लाइव 7

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