नयी दिल्ली 27 अगस्त (लाइव 7) भारत की सबसे बड़ी और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी एकीकृत जिंक उत्पादक कंपनी हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड ने पर्यावरणीय स्थिरता एवं सरंक्षण के लिए प्रतिबद्ध दोहरायी है और इसके लिए कंपनी ने राजस्थान के चंदेरिया लेड जिंक स्मेल्टर में 16 हेक्टेयर जेरोफिक्स बंजर भूमि को पुनः हरितिमा में बदलने की महत्वाकांक्षी पहल कर रही है।
कंपनी की ओर से मंगलवार को जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि कंपनी द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट के साथ मिलकर पर्यावरणीय स्थिरता और जैव विविधता के लिए अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत करते हुए अनुपजाउ क्षेत्र को हरे भरे क्षेत्रों में बदलने के लिए माइकोराइजा तकनीक का उपयोग कर रही है। कंपनी हेतु पर्यावारण सरंक्षण सदैव प्राथमिकता रहा है और औद्योगिक चुनौतियों को पारिस्थितिक सुधार के अवसरों में बदला है।
टीईआरआई के साथ मिलकर माइकोराइजा पद्धति से हरितिमा को बढ़ावा देगा हिंदुस्तान जिंक
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