झांसी 14 फरवरी (लाइव 7) उत्तर प्रदेश के झांसी स्थित रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय किसान मेले और कृषि प्रदर्शनी का उद्घाटन करने के बाद प्रदेश के कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री सूर्य प्रतापशाही ने कहा कि राज्य सरकार बुंदेलखंड और विशेषकर झांसी में प्राकृतिक खेती को बढावा दे रही है। इस कृषि विश्वविद्यालय में 2500 करोड की लागत से दो टेस्टिंग लैब की स्थापना की जा रही है ताकि यहां पर निर्यात योग्य प्राकृतिक उत्पाद तैयार किये जा सकें।
यहां विश्वविद्यालय परिसर में कृषि मंत्री ने अन्य गणमान्यों की उपस्थिति में फीता काटकर मेले का शुभारंभ किया। उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि झांसी कृषि विश्वविद्यालय प्राकृतिक खेती का हब बनेगा। यहां ऐसे मॉडल फार्म तैयार किये जायेंगे जिन्हें देखकर किसान भी गौ आधारित प्राकृतिक खेती की ओर उसका रुझान बढ़ सके। आज विश्वविद्यालय को 2500 करोड़ की लागत से प्राकृतिक खेती और ऐसे उत्पादों की गुणवत्ता की जांच के लिए दो लैब दी गयीं हैं, जिस पर काम शुरू किया जा रहा है। जल्द ही पूरा हो जायेगा। इसके बाद यहां जो जैविक खेती या गौ आधारित प्राकृतिक खेती यहां हो रही है उनके उत्पाद की गुुणवत्ता की जांच यहीं पर संभव हो पायेगी। इस तरह से निर्यात याेग्य प्राकृतिक खेती से तैयार उत्पाद यहां तैयार हो सकेंगे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने झांसी में बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण (बीडा) के माध्यम से औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने का काम किया है । निश्चित रूप से आने वाले समय यह बहुत बड़ा औद्योगिक केंद्र होने वाला है और फूड प्रोसेसिंग की दृष्टि से भी यहां निवेश काफी बढ़ने की उम्मीद है। इस विश्वविद्यालय के साथ झांसी के अलावा मध्यप्रदेश के भी कुछ हिस्से जुड़े हुए हैं ,जो बुंदेलखंड से जुड़े हैं। इन क्षेत्रों में होने वाली पैदावार के निर्यात योग्य विशेषकर यूरोपीय देशों को निर्यात किये जाने में सक्षम उत्पाद यहां तैयार हो सके और वह उत्पाद सभी मानकों पर खरे उतरे इसके लिए टेस्टिंग लैब इस क्षेत्र के लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित होने जा रही है। इस लैब में प्राकृतिक उत्पादों को निर्यातयोग्य होने के लिए सर्टिफाइड किया जायेगा,इससे किसानों को काफी सुविधा होगी। यदि यह लैब न होती तो इन्हीं उत्पादों को टेस्टिंग के लिए गाजियाबाद भेजा जाता। यहां सरकार 500-500 हेक्टेयर के क्लस्टर तैयार कर जैविक खेती को बढावा दे रही है।
उन्होंने कहा कि इसी को देखते हुए झांसी के केंद्रीय विश्वविद्यालय और बांदा के राज्य कृषि विश्वविद्यालय को यह दो टेस्टिंग लैब दी गयीं हैं।
इस अवसर पर कुलपति डॉ. अशोक कुमार सिंह ने कहा कि इस तीन दिवसीय मेले में किसानों को सभी लाभकारी फसलों, पशुओं की जानकारी, कृषि के आधुनिक मॉडल, आईसीएआर के 14 – 15 संस्थानों के स्टॉल, जैविक खाद, राइज इक्यूवेशन केन्द्र, नाबार्ड, उत्तर प्रदेश राज्य ग् ीण आजीविका मिशन, कृषक उपकरण, बीज केन्द्र, विभिन्न कृषि विज्ञान केन्द्र, 6 कृषि विवि, जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केन्द्र, धानुका एग्रीटेक एवं बलिनी सहित 112 स्टॉल लगाकर किसानों को लाभप्रद विविध जानकारियां दी जा रहीं हैं।
कृषि आयुक्त, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार डॉ. पीके सिंह ने कहा कि वर्तमान में लगातार मौसम परिवर्तन हो रहा है। इसमें भारत सरकार ने कई नई किस्में तैयार की हैं, जो किसानों को मौसम परिवर्तन से होने वाले नुकसान से बचा सकेंगी। उन्होंने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने के लिए कृषि वैज्ञानिक नई तकनीकों को किसानों तक पहुॅचाएं। डॉ. सिंह ने कृषि वैज्ञानिकों से आवाहन किया कि प्रयोगशाला से खेत तक की सभी जानकारी इस मेले में किसानों को दें। यह मेला किसानों के लिए निश्चित ही लाभकारी होगा। सभी किसान इस मेले से लाभकारी जानकारी अवश्य लें।
कृषि मंत्री ने किसान मेला एवं कृषि प्रदर्शनी 2025 स्मारिका, जलावायु समावेशी कृषि, प्राकृतिक खेती और पलाश बुंदेलखण्ड की स्थायी आजीविका का साधन नामक चार पुस्तकों एवं बुंदेलखण्ड आधारित कृषि कैलेंडर का विमोचन किया गया। श्री शाही ने उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के छः प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया।
विश्वविद्यालय द्वारा 5 विषयों पर ग् ीण नवयुवक 23 उद्यमियों को जिसमें मशरूम उत्पादन, फसल सुरक्षा, बीज उत्पादन, सब्जी उत्पादन, बागवानी के प्रतिभागियों को कृषि मंत्री ने प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया।
कार्यक्रम में कुलपति बुंदेलखण्ड विश्वविद्यालय डॉ. मुकेश पांण्डे, कृषि आयुक्त, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार डॉ. पीके सिंह, झांसी सदर विधायक रवि शर्मा, गरौठा विधायक जवाहरलाल राजपूत, गौ सेवा आयोग अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्ता, मऊरानीपुर विधायक रश्मि आर्य, उत्तर प्रदेश विधान परिषद् सदस्य रमा आरपी निरंजन, जिलाधिकारी झांसी अविनाश कुमार, संयुक्त कृषि निदेशक, झांसी एलबी यादव आदि मौजूद रहे।
लाइव 7
झांसी के कृषि विश्वविद्यालय में तैयार होंगे निर्यात योग्य प्राकृतिक उत्पाद: सूर्यप्रताप शाही

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