नयी दिल्ली 13 जनवरी (लाइव 7) रंग बिरंगी रोशनी, जोश, उत्साह पारंपरिक लोक नृत्य, संगीत और बैंड बाजे की राष्ट्रीय धुन के साथ उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को मशाल प्रज्ज्वलित कर “प्रथम खो खो विश्व कप चैंपियनशिप” का उद्घाटन करते हुए कहा कि यह दिन खेलों के इतिहास में भारत के नाम दर्ज हो गया है।
राष्ट्रीय राजधानी के इंदिरा गाँधी इंडोर स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में खो खो महासंघ के अध्यक्ष सुधांशु मित्तल ने श्री धनखड़ को खो खो टूर्नामेंट की मशाल सौंपी। उपराष्ट्रपति ने इसे प्रज्ज्वलित कर विश्व कप का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मौजूद केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया, खेल राज्य मंत्री रक्षा निखिल खडसे,
दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना,जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और इंटरनेशनल ओलंपिक एसोसिएशन की अध्यक्ष तथा राज्यसभा सांसद पी टी उषा , ग्रेट खली और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने पारंपरिक संगीत के साथ माटी के स्वदेशी खेल में हिस्सा लेने आये देशी-विदेशी खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया।
श्री धनखड़ ने कहा कि भारत के परंपरा के खेलों को प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि खो- खो का प्रथम
टूर्नामेंट आयोजित कर भारत के नाम एक इतिहास रचा आ गया है।
उन्होंने कहा, “यह टूर्नामेंट की शानदार शुरुआत रही है। ऐसा लग रहा है कि पूरी दुनिया खो-खो का जश्न मना रही है। आज का यह महत्वपूर्ण अवसर हमारे खेलों के स्वर्णिम इतिहास में दर्ज हो जाएगा। “
भारत की मेजबानी में हो रहे पहले खो-खो विश्व कप में पुरुषों और महिला वर्ग में नेपाल , पेरू, ब्राजील , भूटान , दक्षिण अफ्रीका, घाना, अर्जेंटीना, नीदरलैंड, ईरान, बंगलादेश, श्रीलंका, दक्षिण कोरिया, अमेरिका, पौलेंड, इंग्लैंड, जर्मनी, मलेशिया, ऑस्ट्रेलिया, केन्या, युगांडा और इंडोनेशिया से टीमें हिस्सा ले रही हैं। टीमों को चार-चार ग्रुपों में बांटा गया है हर ग्रुप में पांच टीमें है।
सत्या.
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