जयपुर, 06 मार्च (लाइव 7) राजस्थान के जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री कन्हैया लाल ने प्रदेश में प्रत्येक गांव ढ़ाणी तक पेयजल पहुंचाना राज्य सरकार की प्रमुख प्राथमिकता बताते हुए कहा है कि वह हर घर नल से जल के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जल जीवन मिशन का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित कर रही है।
श्री कन्हैयालाल बुधवार रात विधानसभा में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (मांग संख्या-41) की अनुदान मांग पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि इसी क्रम में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में महत्वपूर्ण निर्णय लिये जा रहे है।
चर्चा के बाद सदन ने विभाग की 118 अरब 66 करोड़ 49 लाख 47 हजार रूपये की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दीं। उन्होंने
कहा कि गत सरकार में जल जीवन मिशन में प्रदेश की रैंक लगातार न्यूनतम स्तर पर रही। श्री शर्मा के कुशल नेतृत्व से इस स्थिति में सुधार आया है। गत सरकार में जल स्रोतों की व्यवस्था किए बिना पेयजल कनेक्शन दिये गये। हमारी सरकार ने इस कमी को दूर कर विभिन्न जल परियोजनाओं के माध्यम से पानी की उपलब्धता सुनिश्चित कर पेयजल कनेक्शन देने का कार्य किया है।
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री ने कहा कि जेजेएम के तहत 42 हजार से अधिक गांवों को पेयजल कनेक्शन देने के लिए 93 हजार 427 करोड रूपए की योजनाएं स्वीकृत की गई है। उन्होंने कहा कि प्रतापगढ़ जिले के कोटडी में लागत की 10 प्रतिशत जन सहभागिता के माध्यम से सुचारू पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। गत सरकार द्वारा 10 प्रतिशत जन सहभागिता नहीं लेने से जेजेएम का सफल संचालन बाधित हुआ है।
उन्होंने कहा कि अमृत 2.0 योजना के तहत शहरी निकायों में पेयजल समस्या के निराकरण के लिए वित्तीय स्वीकृतियां जारी की गई है। वर्तमान सरकार द्वारा 2 हजार 67 नये नलकूप एवं 2 हजार 916 नये हैण्डपम्प शुरू किये गये है। 2 लाख 91 हजार से अधिक खराब हैण्डपम्पों की मरम्मत कर पुनः चालू किया गया है। पेयजल गुणवत्ता की जांच हेतु प्रदेश सरकार द्वारा 1 लाख 14 हजार से अधिक जल नमूनों की रासायनिक एवं जीवाणु जांच की गई है।
उन्होंने कहा कि विभाग में सहायक अभियंता और कनिष्ठ अभियंता के 683 पदों पर भर्ती हेतु विज्ञप्ति जारी कर दी गई है। वहीं जीव विज्ञानी, कनिष्ठ रासायनिज्ञ, निजी सहायक ग्रेड-II, कनिष्ठ सहायक एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी सहित एक हजार से अधिक पदों पर भर्ती की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
उन्होंने कहा कि अवैध पेेयजल कनेक्शन प्रदेश में पेयजल योजनाओं के सफल संचालन में बड़ी बाधा है। इस सम्बन्ध में प्रभावी कार्यवाही करते हुए कनेक्शन विच्छेद कर जुर्माना लगा रहे है। उन्होंने कहा कि अवैध कनेक्शन हटाने के लिए सभी को सजग रहते हुए अपना कार्य करना होगा।
जलदाय मंत्री ने कहा कि योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए विभाग द्वारा सघन मॉनिटरिंग की जा रही है। फील्ड विजिट कर आमजन से फीडबैक लिया जा रहा है। योजनाओं का मौका मुआयना कर गुणवत्ता सुनिश्चित की जा रही है। किसी भी प्रकार का भ्रष्टाचार पाये जाने पर उचित कार्यवाही हो रही है। उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण प्रदेश में पम्पिंग स्टेशनों हेतु सौर ऊर्जा का उपयोग करने की योजना पर कार्य प्रारंभ कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि राजस्थान वाटर सप्लाई एवं सीवरेज एक्ट 1979 में जल के दुरूपयोग को रोकने, अवैध जल संबंधों पर लगाम लगाने, बूस्टर नहीं लगाने तथा विभाग के कर्मचारियों से अभद्र व्यवहार व मारपीट करने वालों को दण्डित करने के प्रावधानों का अभाव था। राज्य सरकार ने आरडब्लूएसएससी एक्ट 2025 का प्रारूप तैयार कर लिया है जिसमें उपरोक्त कृत्यों पर सख्त कार्रवाई का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्र में पेयजल उपभोक्ताओं को नया नल कनेक्शन लेने की वर्तमान जटिल प्रक्रिया को सरल बनाया गया है। अब जल सम्बन्ध के लिए आवेदन पत्र प्राप्त होने पर एकल मांग पत्र राशि 8100 रुपए प्रति जल सम्बन्ध का प्रावधान किया गया है। इससे भावी जल उपभोक्ताओं को रोडकट अनुमति, मीटर खरीदने एवं नलकार इत्यादि के लिए अलग-अलग एजेन्सियों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगें।
श्री कन्हैयालाल ने कहा कि पेयजल उपभोक्ताओं की शिकायतों को समय पर निस्तारण करने की दिशा में आवश्यक कदम उठाते हुए कंज्यूमर सेट्रिंक अप्रोच के तहत शिकायतकर्ता की शिकायत को दर्ज करने एवं एण्ड टू एण्ड निस्तारण सुविधायुक्त कज्यूमर कॉल सेन्टर स्थापित किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा विभिन्न पेयजल परियोजनाओं के लिए जयपुर जिले हेतु 2 हजार 675 करोड़ एवं अजमेर हेतु 1 हजार 77 करोड रूपए का बजट में प्रावधान किया गया है। इससे आने वाले समय में वर्ष 2053 तक की जनसंख्या के अनुसार कार्य हो सकेगें।
जोरा
लाइव 7
जेजेएम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जल स्रोतों की उपलब्धता की जा रही हैं सुनिश्चित: कन्हैयालाल

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