उदयपुर, 14 अगस्त (लाइव 7) हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड ने बुधवार को कहा कि जिंक गैल्वनाइजेशन उद्योग की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिये वह अपने उत्पाद पोर्टफोलियो का लगातार विस्तार कर रही है।
जिंक गैल्वनाइजेशन के प्रक्रिया में निर्माण में में इस्तेमाल होने वाली लौह सामग्री को जंग से बचाने के लिये उस पर जस्ते का मुलम्मा चढ़ाया जाता है। वेदांता समूह की कंपनी ने भारत की तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्था में जिंक गैल्वनाइजेशन के महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया है। कंपनी ने एक बयान में कहा कि कंपनी भारत में प्राथमिक जस्ता बाजार में लगभग तीन चौथाई हिस्सेदारी रखती है और गैल्वनाइजेशन उद्योग की बढ़ती मांगों को पूरा करने और चल रहे वैश्विक ऊर्जा संक्रमण का समर्थन करने के लिये अपने उत्पाद पोर्टफोलियो को लगातार बढ़ा रही है।
हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड के सीईओ और पूर्णकालिक निदेशक अरुण मिश्रा ने कहा, “भारत की वैश्विक आर्थिक महाशक्ति बनने की यात्रा उसके बुनियादी ढांचे की गुणवत्ता और स्थायित्व से जुड़ी हुई है।”
उन्होंने कहा कि जिंक गैल्वनाइजेशन देश की प्रगति में एक रणनीतिक निवेश है। यह स्टील ढांचे को जंग से बचाकर सुनिश्चित करता है कि सड़कें, पुल और इमारतें लम्बे समय तक मजबूत बनी रहे। इससे निर्माण के रखरखाव की लागत भी कम होती है ।
बयान में कहा गया है कि भारत में वित्त वर्ष 2023-24 में इस्पात उत्पादन में उच्चतम वैश्विक प्रतिशत वृद्धि देखने को मिली है, एक सुरक्षात्मक बाधा बनाकर स्टील का जिंक गैल्वनाइजेशन एक संक्षारण प्रतिरोधी (लौह सामग्री को जंग से संरक्षित) निर्माण के लिए एक अनिवार्य समाधान के रूप में उभर रहा है। भारत में इस समय अरबों डालर के निवेश से नये पुलों, रेलवे लाइनों और शहरी संरचनाओं के निर्माण कराये जा रहे हैं। हिंदुस्तान जिंक विश्व की एक अग्रणी जस्ता-सीसा-चांदी उत्पादक कंपनी है।
बयान में अंतरराष्ट्रीय जिंक एसोसिएशन के एक हालिया अध्ययन में कहा गया है कि भारत के सकल घरेलू उत्पाद का पांच प्रतिशत हर साल संक्षारण के कारण नष्ट हो जाता है जिंक गैल्वनाइजेशन केवल एक तकनीकी बात नहीं है, बल्कि यह स्थायी, विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे की आधारशिला है।
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जिंक गैल्वनाइजेशन उद्योग के लिये उत्पाद पोर्टफालियो बढ़ा रही है हिंदुस्तान जिंक
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