नयी दिल्ली, 23 अक्टूबर (लाइव 7) भारतीय शास्त्रीय सरोद वादक उस्ताद अमजद अली खान ने कहा कि जब तक और चांद रहेगा, तबतक शास्त्रीय संगीत रहेगा।
संगीतकार अमजद अली खान अपने पुत्रों अयान अली खान बंगश और अमान अली खान बंगश के साथ हाल ही में एनडीटीवी वर्ल्ड समिट में शामिल हुए। इस समिट में चर्चा के दौरान, उस्ताद अमजद अली खान ने बताया कि कैसे शास्त्रीय संगीत पूरी दुनिया में मौजूद है, और यह कैसे दूरियां मिटाता हैऔर करुणा लाता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि शास्त्रीय संगीत की कोई सीमा नहीं होती और न ही कोई धर्म होता है।
उस्ताद अमजद अली खान ने कहा, “शास्त्रीय संगीत पूरी दुनिया में है, सबसे प्राचीन संगीत, पश्चिमी दुनिया के लोग अभी भी बीथोवेन, बाख, मोजार्ट रूस के सभी महान संगीतकारों को सुनते हैं। शास्त्रीय संगीत तब तक रहेगा जब तक और चांद रहेगा। सात संगीत स्वर – सा रे गा मा पा दा नी, पश्चिमी दुनिया में वे इसे कहते हैं – दो रे मि फा सो ला ती। सात सुरों ने पूरी दुनिया को जोड़ रखा है।’
उस्ताद अमजद अली खान ने कहा , ‘हवा, फूल, पानी, आग, खुशबू जैसे ही संगीत भी किसी धर्म का नहीं होता। यह एक विशेष उपहार है और दुनिया के स्वादों और समस्याओं को देखते हुए, मैंने संगीत की भूमिका से बहुत कुछ सीखा है और मुझे यह कहने का मन करता है कि मैं दुनिया के हर धर्म से हूं। मैं भारत के हर धर्म से ताल्लुक रखता हूं।”
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