मुंबई, 21 दिसंबर (लाइव 7) दक्षिण भारतीप फिल्मों के सुपरस्टार यश का कहना है कि उनकी सुपरहिट फिल्म “केजीएफ: चैप्टर 1 का मां वाला इमोशनल सीन पहले स्क्रिप्ट का हिस्सा नहीं था।
आज से ठीक छह साल पहले भारतीय दर्शकों ने यश को केजीएफ के जरिए यश को पैन-इंडिया सुपरस्टार बनते देखा। रॉकी का किरदार, जिसे यश ने निभाया, सिर्फ बगावत और ताकत का प्रतीक नहीं था, बल्कि उसकी भावनाएं भी हर किसी के दिल को छू गईं।एक सीन जो हमेशा याद रहता है, वो है जब रॉकी एक परेशान मां की मदद करता है और कहता है, “दुनिया की सबसे बड़ी योद्धा एक मां होती है। ये सीन इतना इमोशनल था कि रॉकी की असली सोच को इसने दिखा दिया, जो दर्शकों के दिल को छू गया।
हाल ही के एक इंटरव्यू में यश ने इस सीन के पीछे की क्रिएटिव प्रोसेस को लेकर दिलचस्प बातें शेयर कीं। उन्होंने बताया कि यह सीन असली स्क्रिप्ट का हिस्सा नहीं था। पहले इस सीन में दिखाया गया था कि रॉकी एक बुजुर्ग महिला को सड़क पार करवाता है। लेकिन एडिटिंग सेशन के दौरान एग्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर ा राव ने इसमें बड़ा बदलाव करने का सुझाव दिया। चूंकि रॉकी की मां उसकी कहानी का अहम हिस्सा थीं, तो इस खास पल में उनकी भावना को जोड़ना सही लगा।
यश ने कहा, कई बार कमाल के आइडियाज सामने आते हैं। केजीएफमें भी ऐसा ही हुआ। मैं और प्रशांत एडिट देख रहे थे और उस सीन पर काम कर रहे थे। जो मशहूर सीन मां के साथ है, वो असल में स्क्रिप्ट में एक बुजुर्ग महिला के सड़क पार करने वाला सीन था। उस सीन में मैं गन निकालता हूं, और इसे गन सीन के तौर पर शूट किया गया था। तो मेरे एग्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर, श्री राव, एडिट देख रहे थे। उन्होंने आकर कहा, ‘सारी फिल्म तो मां के बारे में है। इस सीन में मां क्यों नहीं हो सकती?’ ये सुनकर मैं और प्रशांत एक-दूसरे को देखने लगे। हमें भी लगा, ये तो गजब का आइडिया है! फिर मैंने पूछा, ‘अब क्या करें?’ तो प्रशांत ने कहा, ‘चिंता मत करो, हम इस सीन को फिर से शूट करेंगे।’ इसके बाद हमने एक महिला को छोटे बच्चे के साथ बुलाया। फिर रॉकी अपनी मां को याद करता है, और मैं बाहर जाकर उस महिला से बात करता हूं। उसी दौरान हमें एक डायलॉग चाहिए था, और डिस्कशन करते-करते वो लाइन बन गई। सब कुछ ऐसे ही अपने आप होता चला गया।आपको कभी पता नहीं चलता, हमने उस स्क्रिप्ट पर 4-5 साल काम किया था। 2014 से काम कर रहे थे, पर ये आइडिया कहां से आएगा, ये किसी को नहीं पता। प्रोडक्शन संभालने वाले शख्स ने आकर हमें कुछ कहा, और अगर वो बात सही हो तो उसे मान लेना चाहिए। मेरा मानना है कि यही सोच और माहौल होना चाहिए। वरना कोई भी सबकुछ नहीं जानता। सिनेमा पूरी तरह से एक टीमवर्क है। डायरेक्टर और पूरी टीम को साथ आकर काम करना पड़ता है। तभी वो मैजिक होता है!
यश जल्द ही टॉक्सिक, ायण और केजीएफ 3 में नजर आएंगे। साथ ही, वह ायण और टॉक्सिक को को-प्रोड्यूस भी कर रहे हैं।
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