बेंगलुरु, 17 अगस्त (लाइव 7) कर्नाटक के राज्यपाल थारचंद गहलोत ने मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) से जुड़ी कथित अनियमितताओं को लेकर मुख्यमंत्री सिद्दारमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए हरी झंडी दे दी है।
तीन कार्यकर्ताओं द्वारा दायर याचिकाओं पर आधारित राज्यपाल के इस फैसले ने मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता को लेकर पहले से ही भड़के विवाद को और बढ़ा दिया है।
राज्यपाल के निर्देश ने श्री सिद्दारमैया की मुश्किलों को काफी बढ़ा दिया है, जिसे एक औपचारिक पत्र में सूचित किया गया है। पत्र में लिखा, “राज्यपाल के निर्देशानुसार भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 17 और धारा 218 के तहत याचिकाओं में उल्लिखित कथित अपराधों की जांच के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 के अंतर्गत मुख्यमंत्री सिद्दारमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी देने के लिए सक्षम प्राधिकारी के निर्णय की प्रति संलग्न कर रहा हूं।”
घोटाले में आरोप लगाये गये हैं कि श्री सिद्दारमैया ने पत्नी बीएम पार्वती, बेटे एस यतींद्र और वरिष्ठ एमयूडीए अधिकारियों के साथ मिलकर मैसूरु के एक पॉस इलाके में 14 प्रमुख स्थानों पर अवैध आवंटन की साजिश रची है। कार्यकर्ता कुमार, टीजे अब्राहम और स्नेहमयी कृष्णा का दावा है कि जाली दस्तावेजों का उपयोग करके इन आवंटनों के लिए राज्य के खजाने से 45 करोड़ रुपये की भारी राशि निकाली गयी है।
मुख्यमंत्री पर कई महीनों से यह आरोप लगते रहे हैं, लेकिन उन्होंने लगातार अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज कर दिया था और कहा कि उन पर यह हमले राजनीति से प्रेरित हैं, उनकी छवि को धूमिल करने की साजिश है और इससे ज्यादा कुछ नहीं है। मुकदमा को आगे बढ़ाने का राज्यपाल का निर्णय एक महत्वपूर्ण कदम है, जो मुख्यमंत्री और उनकी सरकार के लिए जोखिम भरा हो सकता है।
श्री गहलोत ने भी मुख्यमंत्री को कारण बताओ नोटिस जारी करके पूछा है कि उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति क्यों न दी जाए। राज्यपाल ने सात दिनों के भीतर मुख्यमंत्री से आरोपों का जवाब मांगा था। इस पर राज्य की कैबिनेट ने तीव्र प्रतिक्रिया दी “दृढ़ता से सिफारिश” की कि राज्यपाल मुख्यमंत्री को जारी नोटिस वापस लें।
राज्य में विपक्ष खासकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस विवाद को हाथों हाथ लपक लिया। वह इसके लिए केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जांच की मांग कर रही है। भाजपा ने पार्टी समर्थकों को एकजुट कर भ्रष्टाचार के खिलाफ हाल ही में बेंगलुरु से मैसूरु तक एक सप्ताह की पदयात्रा आयोजित की और कांग्रेस सरकार पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया।
मुख्यमंत्री हालांकि इससे पीछे नहीं हट रहे हैं। उन्होंने भाजपा के आक् क रुख का जवाब देते हुए कहा कि उनकी पत्नी को दिया गया मुआवजा राज्य में भाजपा के सत्ता में रहने के दौरान ही मंजूर किया गया था। उन्होंने इन आरोपों का पुरजोर खंडन किया और कहा कि ये आरोप उनकी राजनीतिक प्रतिष्ठा को धूमिल करने की एक बड़ी साजिश का हिस्सा हैं।
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कर्नाटक: सिद्दारमैया पर एमयूडीए भूमि घोटाले में मुकदमा चलाने की मंजूरी
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