आनंद बख्शी को लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल और ए.आर. रहमान से भी बड़ा मानते थे सुभाष घई

Live 7 Desk

मुंबई, 13 मार्च (लाइव 7) बॉलीवुड फिल्मकार सुभाष घई ने बताया है कि वह दिग्गज गीतकार आनंद बख्शी को महान संगीतकार लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल और ए.आर. रहमान से भी बड़ा मानते थे।

सुभाष घई हाल ही में ट्रेड एनालिस्ट कोमल नाहटा के पॉपुलर पॉडकास्ट गेम चेंजर्स में नजर आए, जहां उन्होंने अपनी फिल्मों में संगीत के अहम रोल पर बात की। अपनी कई संगीतमय हिट फिल्मों के लिए मशहूर सुभाष घई ने बताया कि वह संगीत को सिर्फ एक गाना भर नहीं मानते थे, बल्कि इसे अपनी स्टोरीटेलिंग का एक जरूरी हिस्सा मानते थे। उन्होंने इस पर भी बात की कि किस तरह उन्होंने अपनी फिल्मों के संगीत को कहानी के साथ इस तरह जोड़ा कि वो दर्शकों के दिलों तक पहुंच जाए।

कोमल नाहटा, ने सुभाष घई से पूछा, सुभाष जी, आपकी फिल्मों में संगीत का बहुत अहम रोल रहा है। आपने एक के बाद एक सुपरहिट गाने दिए। लेकिन क्या आपके संगीत बनाने का तरीका अलग था।आप इस पर कैसे काम करते थे। सुभाष घई ने बताया, हमारे समय में, जब बड़े-बड़े म्यूजिक हिट होते थे, तो बस एक फर्क था। मैं संगीत को एक कविता की तरह मानता था। मेरे लिए आनंद बक्शी, लक्ष्मीकांत प्यारेलाल और रहमान से भी बड़े थे। मैं फिल्म के बोले जाने वाले डायलॉग लिखता था, और आनंद बक्शी गाने वाले डायलॉग लिखते थे। जब हम ‘अंतरा’ लिखते थे, तो ऐसा लगता था जैसे उन्हें मेरी कहानी मुझसे भी ज्यादा अच्छे से पता है।

सुभाष घई ने अपनी फिल्मों में संगीत और कहानी के बीच गहरे जुड़ाव को लेकर खास जोर दिया। उन्होंने माना कि उनके किस्सों को सदाबहार गानों में बदलने में गीतकार आनंद बक्शी का अहम योगदान रहा है। घई का म्यूजिक बनाने का यह कोलैबोरेटिव अप्रोच ही वो खास वजह थी, जिसकी बदौलत आज भी उनके गाने लोगों के दिलों में बसे हुए हैं।

 

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