नयी दिल्ली, 28 दिसंबर (लाइव 7) केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने समाप्त होने जा रहे वर्ष 2024 के प्रमुख कार्यों में बहुचर्चित वक्फ अधिनियम में संशोधन का विधेयक पेश करने के साथ साथ, हज यात्रियों की सुविधा के लिये ऐप और पारसी आबादी में गिरावट रोकने की -जियो पारसी योजना के नियमों में संशोधन किये।
अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने आठ अगस्त को लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पेश किया। इसके बाद, विधेयक को संसद की संयुक्त समिति (जेपीसी) को भेज दिया गया है। जेपीसी का कार्य इस विधेयक की जांच करना तथा बजट सत्र के अंतिम दिन तक संसद को इस विधेयक पर रिपोर्ट प्रस्तुत करना है।
वर्ष 2024 में मंत्रालय और उसकी एजेंसियों की उपब्लियों का ब्योरा देने वाली शनिवार को जारी एक विज्ञप्ति में दी गयी है। वर्ष के दौरान मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली एजेंसी राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम (एनएमडीएफसी) ने वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान 1.84 लाख से अधिक लाभार्थियों को शामिल करते हुये 765.45 करोड़ रुपये का रियायती ऋण जारी किया।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि एनएमडीएफसी अपनी स्थापना के बाद से 4.84 लाख से अधिक लाभार्थियों को 9,228.19 करोड़ रुपये अधिक का ऋण वितरित किया है। लाभार्थियों में 85 प्रतिशत से अधिक महिलायें हैं। एनएमडीएफसी कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 8 के तहत एक केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम है।
एनएमडीएफसी ने आवेदकों, एससीए और एनएमडीएफसी के बीच ऋण लेखा प्रक्रियाओं को डिजिटल बनाने के लिये एमआईएलएएन-मिलन (एनएमडीएफसी के लिए अल्पसंख्यक ऋण लेखा सॉफ्टवेयर) ऐप लॉन्च किया है। इसमें एनएमडीएफसी के एमआईएस पोर्टल को भी जोड़ दिया गया, जिस पर 14.57 लाख लाभार्थियों का डेटा उपलब्ध है। मिलन मोबाइल ऐप का एंड्रॉइड और आईओएस संस्करण भी शुरू किया किया गया है।
निगम यह राज्य सरकारों/ केंद्र शासित क्षेत्रों के प्रशासन और केनरा बैंक द्वारा नामित राज्य चैनलाइजिंग एजेंसियों (एससीए) के माध्यम से अल्पसंख्यक समुदायों के बीच पिछड़े वर्गों के सामाजिक-आर्थिक विकास को कर्ज सहायता देता है। कर्ज देने में व्यावसायिक समूहों और महिलाओं को प्राथमिकता दी जा रही है। हाल ही में, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन बैंक और पंजाब ग् ीण बैंक ने भी पुनर्वित्त मोड पर एनएमडीएफसी योजनाओं के कार्यान्वयन के लिये समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये हैं।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि वर्ष के दौरान सऊदी अरब के लोगों और वहां की सरकार के सक्रिय समर्थन और सहयोग से पिछले कुछ वर्षों में हज यात्रा प्रबंधन की एक मजबूत, प्रभावी और कुशल प्रणाली विकसित की है। हजयात्रा के अनुभव को बेहतरीन बनाने के लिये ‘हज सुविधा ऐप’ शुरू किया गया। यह ऐप प्रतिनियुक्ति पर तैनात अधिकारियों और खादिम-उल-हुज्जाज के लिये एक प्रशासनिक इंटरफ़ेस प्रदान करता है, वास्तविक समय की निगरानी और आपातकालीन प्रतिक्रिया में सहायता करता है।
हज 2024 के दौरान, अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने भारतीय हज समिति और अन्य हितधारकों के साथ मिलकर हज यात्रा की सफलता सुनिश्चित करने के लिये निर्बाध सहयोग किया।
यह बेहतर समन्वय और जवाबदेही भी सुनिश्चित करता है। हजयात्री प्रशिक्षण सामग्री, आवास एवं उड़ान विवरण, सामान की जानकारी, आपातकालीन हेल्पलाइन (एसओएस), शिकायत निवारण, प्रतिक्रिया, भाषा अनुवाद और यात्रा से संबंधित विविध जानकारी प्राप्त करने के लिये इस ऐप का उपयोग कर सकते हैं।
इस वर्ष हज यात्रा के दौरान 9,000 से अधिक शिकायतें और 2,000 से अधिक एसओएस मामले सुलझाये गये।
4,557 से अधिक महिला हजयात्रियों ने बिना मेहरम (मेहरम के बिना महिलायें) हजयात्रा की, जो अब तक की सबसे बड़ी संख्या है। इस वर्ष हजयात्रियों की सेवा के लिये प्रतिनियुक्ति पर 264 प्रशासनिक अधिकारी, 356 चिकित्सा अधिकारी, 1500 सीजनल कर्मचारी और 641 खादिम-उल-हुज्जाज तैनात किये गये थे। भारतीय हजयात्रियों के पूरे हज अनुभव को बेहतर बनाने के लिये खादिम-उल-हुज्जाज और प्रतिनियुक्ति की संख्या में काफी वृद्धि की गयी है।
हजयात्रियों को 564 हज समूह आयोजकों की ओर से भी सेवा प्रदान की गयी। चिकित्सा मिशन विशेष रूप से प्रभावशाली रहा है। इस बार 3,74,613 बीमार लोगों का उपचार किया गया, 3,51,473 ओपीडी रोगियों को देखा गया और 19,962 मोबाइल विज़िट आयोजित की गयीं। इसके अतिरिक्त, 3,178 हजयात्रियों को उपचार के दौरान देखभाल प्रदान की गयी।
सऊदी अरब में चिकित्सा मिशन के बुनियादी ढांचे में मक्का में 14 शाखा डिस्पेंसरी तथा तीन अस्पताल और मदीना में दो शाखा डिस्पेंसरी तथा एक अस्पताल शामिल थे। वहां हजयात्रियों को ले जाने के लिए 24 एम्बुलेंस चौबीसों घंटे उपलब्ध थीं। साथ ही महिला हजयात्रियों और बिना मेहरम वाले लोगों के लिए समर्पित सुविधाएं भी थीं। उच्च जोखिम वाले समूहों और अकेले हजयात्रियों के लिए एक विशेष कार्य बल तैनात किया गया था।
मंत्रालय जियो पारसी योजना को को फरवरी, 2024 में संशोधित किया और इसके संशोधित दिशा-निर्देश मंत्रालय की वेबसाइट पर डाले गये हैं। 2013-14 में शुरू इस योजना का उद्देश्य वैज्ञानिक प्रोटोकॉल और विशेष कार्यक्रमों को अपनाकर पारसी आबादी की घटती प्रवृत्ति को रोकना, उनकी आबादी को स्थिर करना और भारत में पारसियों की आबादी को बढ़ाना है। विभाग प्रजनन संबंधी बीमारियों के उपचार के लिये वित्तीय सहायता प्रदान करता है। पारसी दम्पतियों को उनके परिवार के आश्रित बुजुर्ग सदस्यों और बच्चों की देखभाल के लिये वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
मंत्रालय पारसी समुदाय के बीच प र्श और समुदाय के हर व्यक्ति संपर्क के लिये गतिविधियों को प्रोत्साहित करता है।
मंत्रालय ने चिकित्सा घटक के तहत वित्तीय सहायता चाहने वाले पारसी दम्पतियों के लिये एक पोर्टल शुरू किया है। यह पोर्टल लाभार्थियों को आवेदन करने और अपने आवेदनों को ट्रैक करने की सुविधा और पहुंच प्रदान करता है।
अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने वर्ष 2024 के दौरान अपनी 100 दिवसीय कार्ययोजना के तहत 16 से 31 जुलाई तक आईएनए, दिल्ली हाट, नयी दिल्ली में ‘लोक संवर्धन पर्व’आयोजित किया, जिसमें पूरे भारत के अल्पसंख्यक कारीगर शामिल हुये। इस लोक संवर्धन पर्व में विभिन्न अल्पसंख्यक समुदायों से संबंधित 162 कारीगरों द्वारा तैयार किये गये विभिन्न राज्यों के 70 से अधिक उत्कृष्ट हस्तशिल्प और हथकरघा उत्पादों का प्रदर्शन किया गया।
उद्घाटन समारोह के दौरान, कॉफी टेबल बुक जारी की गयी और इसके जरिये मंत्रालय की उल्लेखनीय उपलब्धियों का प्रसार किया गया। इस दौरान एनएमडीएफसी की ऋण योजना भी जारी की गयी। कार्यक्रम के दौरान लाभार्थियों को ऋण स्वीकृति पत्र और प्रशंसा पदक प्रदान किये गये।
कार्यक्रम के दौरान सिंघी छम (शेर नृत्य), मणिपुरी नृत्य, भांगड़ा और अन्य प्रदर्शनों के माध्यम से विभिन्न समुदायों की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित किया गया।
श्रवण.
लाइव 7
अल्पसंख्यक मंत्रालय की वर्ष उपल्बियों में रहा वक्फ विधेयक, हज ऐप, जियो पारसी योजना में संशोधन
Leave a Comment
Leave a Comment