चतरा: सिमरिया अनुमंडल प्रशासन द्वारा घनी आबादी वाले क्षेत्रों में कोयला वाहनों की आवाजाही पर नियंत्रण को लेकर की गई पहल का असर अब क्षेत्र में दिखाई देने लगा है। दुर्घटना और प्रदूषण की बढ़ती समस्या को गंभीरता से लेते हुए सिमरिया एसडीओ द्वारा खधैया पुल के पास प्रतिदिन सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक कोयला परिवहन वाहनों के प्रवेश पर रोक (नो एंट्री) लागू की गई है. इस निर्णय के बाद टंडवा उत्तरी क्षेत्र के कबरा, तेलियाडीह, मिश्रौल एवं धनगढड़ा पंचायत के लोगों को बीते दो दिनों से सड़क दुर्घटना और धूल प्रदूषण से राहत मिली है। ग्रामीणों में इस फैसले को लेकर खुशी और संतोष का माहौल है.
हजारीबाग जिले के चट्टी बरियातू एवं पांडु माइंस से निकाले जा रहे कोयले का परिवहन लंबे समय से चतरा जिले के सार्वजनिक मार्गों से किया जा रहा था. भारी वाहनों की लगातार आवाजाही से सड़क दुर्घटनाओं की घटनाएँ बढ़ रही थीं, साथ ही धूलकणों के फैलाव से ग्रामीणों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा था। आम जनमानस में नाराजगी और आक्रोश की स्थिति बनी हुई थी.ग्रामीणों की समस्याओं को संज्ञान में लेते हुए चतरा उपायुक्त एवं सिमरिया एसडीओ की संयुक्त पहल पर यह प्रतिबंध लागू किया गया है. इसके बाद क्षेत्रवासियों ने प्रशासन के इस कदम की सराहना की है.
टंडवा उत्तरी क्षेत्र निवासी मुखिया संघ जिलाध्यक्ष अरविंद सिंह भाजपा नेता प्रमोद सिंह युवा समाजसेवी आलोक गुप्ता ने इस सकारात्मक निर्णय के लिए चतरा उपायुक्त एवं सिमरिया एसडीओ को धन्यवाद ज्ञापित किया है. उन्होंने कहा कि यह कदम क्षेत्र की सुरक्षा और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, और इसका लाभ सीधे ग्रामीणों को मिल रहा है.आलोक गुप्ता ने आशंका जताई कि कुछ ट्रांसपोर्टिंग कंपनियों द्वारा इस नो-एंट्री आदेश को समाप्त कराने के लिए जिला प्रशासन पर दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है.
आलोक गुप्ता ने स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि यदि किसी भी प्रकार से ग्रामीणों के हितों के विरुद्ध इस आदेश को वापस लेने का प्रयास किया गया तो क्षेत्र के लोग आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे और आवश्यकता पड़ने पर न्यायालय का सहारा भी लिया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि हजारीबाग जिला से निकला कोयला मूलतः वहीं से परिवहन होने का नियम है, जबकि चतरा जिले की सड़कों का उपयोग कर यहाँ के नागरिकों को अनावश्यक रूप से परेशान किया जा रहा है, जो अन्यायपूर्ण है. हालांकि ग्रामीणों ने भी एक स्वर में कहा कि प्रशासन का यह निर्णय जारी रहना चाहिए, अन्यथा पुनः दुर्घटना और प्रदूषण की समस्या बढ़ जाएगी.

