रामगढ़ के पतरातू की एक महिला रीना देवी ने रामगढ़ पुलिस पर फ्री में मीट खाने का गंभीर आरोप लगाया है. महिला ने रामगढ़ पुलिस अधीक्षक को बताया की मेरा पति राजेश कुमार साव खैरा मांझी रोड के पास मीट की दूकान चलाते हैं और थाने के पदाधिकारी और सिपाही अक्सर फ्री में उनके दुकान से मीट ले जाते थे. मीट के पैसे मांगने पर विवाद होने पर उसके पति को झूठे मुकदमे में फंसाकर जेल भेज दिया गया.
बाबूलाल मरांडी ने निष्पक्ष जांच की मांग की
हालाँकि भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने इस संबध में पुलिस को निष्पक्ष जांच करने की मांग की है और कड़ी आलोचना करते हुए कहा की झारखंड में कुछ पुलिस अधिकारी कानून को अपनी निजी रंजिशें निकालने का माध्यम बना चुके हैं. कोई अधिकारी बिहार में अपने पारिवारिक ज़मीन विवाद को लेकर विपक्षी पक्ष पर झारखंड में झूठा मुकदमा दर्ज कर रहा है, तो कोई मुफ्त में मीट न देने पर दुकानदार पर फर्जी केस थोप रहा है. हाल हीं में पतरातू में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जहां मीट दुकान संचालित करने वाले राजेश साव जी पर पुलिस पदाधिकारियों को मुफ्त में मीट न देने के कारण कथित रूप से आर्म्स एक्ट का झूठा मामला दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया गया. इस मामले में आरोपी की पत्नी जांच की मांग कर रही है, जबकि पुलिस का दावा है कि युवक को रात में ‘योजना बनाते’ हुए पकड़ा गया. पत्नी का कहना है कि उसके पति को फोन कर थाने बुलाया गया था। ऐसे विरोधाभास खुद पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करते हैं.हेमंत सोरेन जी द्वारा विरोधियों पर फर्ज़ी केस लगाकर जेल भेजने की जो कुप्रथा शुरू हुई थी, लगता है अब उसे पुलिस अधिकारियों ने भी अपनाना शुरू कर दिया है.

