“बिजली दरों में बेतहाशा वृद्धि का प्रस्ताव हेमंत सरकार की जनविरोधी सोच का ताज़ा नमूना” — प्रतुल शाहदेव

Shashi Bhushan Kumar

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड द्वारा प्रस्तावित बिजली दरों में 60 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी को जनता पर थोपे गए जबरन आर्थिक अत्याचार करार दिया।प्रतुल ने कहा कि—“हेमंत सरकार ने आम जनता, किसान, छोटे दुकानदार और उद्योग–धंधों के साथ धोखा करने की ठानी हुई है। बिजली दरों में ऐसी क्रूर वृद्धि इस बात का प्रमाण है कि यह सरकार जनभावनाओं से पूरी तरह कट चुकी है।”

प्रतुल शाहदेव ने कहा कि ग्रामीण घरेलू उपभोक्ताओं पर ₹6.70 से बढ़ाकर ₹10.20 प्रति यूनिट करने की तैयारी है—यानी लगभग 30% की मार।शहरी उपभोक्ताओं पर ₹6.85 से बढ़ाकर ₹10.30 प्रति यूनिट — फिर 30% की चोट,मासिक चार्ज में अलग से भारी बढ़ोतरी,कमर्शियल कनेक्शन पर बेतहाशा टैक्स जैसा बोझ और औद्योगिक कनेक्शन पर भी लगभग 30% की वृद्धि।उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार ने हद तब पार कर दी जब किसानों के लिए बिजली दरों में 60% तक की वृद्धि का प्रस्ताव रख दिया। यह किसानों पर आर्थिक हमला और कृषि की रीढ़ तोड़ने की साज़िश है।

प्रतुल ने कहा कि यह वही सरकार है जो चुनावों में मुफ़्त बिजली, सस्ती बिजली, सब्सिडी की बात करती थी, और अब कुर्सी मिलते ही जनता की जेब काटने में लगी है।उन्होंने कहा कि “झारखंड की जनता पहले ही बेरोजगारी और भ्रष्टाचार से त्रस्त है, और ऊपर से बिजली की कीमतें आसमान पर पहुंचाकर यह सरकार जनता को अंधेरे में धकेलने पर तुली है। भाजपा इस तानाशाही बढ़ोतरी का सड़क से सदन तक जोरदार विरोध करेगी। प्रतुल ने कहा कि किसी भी कीमत पर भारतीय जनता पार्टी सरकार के इस जन विरोधी निर्णय को लागू नहीं होने देगी।

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