झारखंड हाई कोर्ट ने विशेष सहायक शिक्षकों (दिव्यांग) की नियुक्ति प्रक्रिया के लिए दी अनुमति

Ravikant Upadhyay

रांची। झारखंड हाई कोर्ट में प्रशिक्षित विशेष सहायक शिक्षकों (दिव्यांग) की नियुक्ति पर लगी रोक हटाने के लिए दायर याचिका पर न्यायमूर्ति आनंद सेन की अदालत में सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने महत्वपूर्ण आदेश जारी किया, जिसमें केवल विशेष सहायक शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया आगे बढ़ाने की अनुमति दी गई। वहीं, अन्य शिक्षकों की भर्ती पर लगी रोक फिलहाल बरकरार रहेगी। इस फैसले के बाद 3451 विशेष सहायक शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया का मार्ग साफ हो गया है।

कोर्ट का पूर्व आदेश और सरकार की दलील
हाई कोर्ट ने इससे पहले झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा (JETET) 31 मार्च 2026 तक आयोजित करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि परीक्षा पूरी होने तक शिक्षकों के रिक्त पदों पर कोई नियुक्ति नहीं की जाएगी।

सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने अदालत को बताया कि 3451 प्रशिक्षित विशेष सहायक शिक्षकों की नियुक्ति अनिवार्य है और इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई चल रही है। सरकार ने यह भी बताया कि नियुक्ति में देरी होने पर राज्य सरकार पर अवमानना की कार्रवाई की संभावना है।

आयोग की स्थिति और अदालत की पूछताछ
कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) ने अदालत को अवगत कराया कि राज्य सरकार ने विशेष शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अधियाचना भेज दी है, लेकिन कोर्ट के पूर्व आदेश के कारण विज्ञापन जारी नहीं किया जा सका। आयोग के अधिवक्ता संजय पिपरवाल और प्रिंस कुमार सिंह ने अदालत को आश्वस्त किया कि मार्च 2026 तक संपूर्ण नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।

सीमित छूट के साथ नियुक्ति प्रक्रिया शुरू
अदालत ने तर्कों और परिस्थितियों को देखते हुए सीमित राहत प्रदान की। आदेश के अनुसार केवल विशेष सहायक शिक्षकों (दिव्यांग) की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। अन्य शिक्षकों की नियुक्ति पर लगी रोक फिलहाल जारी रहेगी।

नियुक्ति प्रक्रिया का महत्व
इस आदेश से लंबे समय से लंबित विशेष शिक्षकों की भर्ती को नई दिशा मिल गई है। शिक्षा क्षेत्र में दिव्यांग छात्रों के लिए आवश्यक सहायक शिक्षकों की नियुक्ति राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए अहम मानी जा रही है। अधिकारियों के अनुसार, इन शिक्षकों की नियुक्ति से दिव्यांग छात्रों को व्यक्तिगत ध्यान और आवश्यक शैक्षणिक सहायता प्रदान करने में मदद मिलेगी। राज्य सरकार और JSSC अब आदेश के अनुसार नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने की दिशा में तेजी से काम कर रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम झारखंड में शिक्षा क्षेत्र में समावेशिता और दिव्यांग छात्रों के लिए बेहतर अवसर सुनिश्चित करने में सहायक होगा।

इस निर्णय के बाद दिव्यांग विशेष सहायक शिक्षकों की भर्ती के लिए लंबित प्रक्रिया अब सुचारू रूप से आगे बढ़ सकती है और राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता और समावेशी वातावरण को सुदृढ़ बनाने में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा।

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