परिवार को जानकारी न देने से करोड़ों रुपये बेवारिस: झारखंड में बढ़ी अनक्लेम्ड जमा राशि
LIVE 7 TV/ RANCHI
झारखंड में विभिन्न बैंकों में जमा कुल 1,490 करोड़ रुपये पिछले दस वर्षों से बिना दावेदार पड़े हुए हैं। यह राशि 38 लाख से ज्यादा खातों से जुड़ी है, जिनमें एक दशक से कोई लेनदेन नहीं हुआ है। बैंकिंग प्रक्रिया के तहत इन खातों को निष्क्रिय घोषित करते हुए उनकी पूरी जानकारी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) को भेज दी गई है।
SBI और बैंक ऑफ इंडिया में सबसे ज्यादा रकम
निष्क्रिय और अनक्लेम्ड खातों में सबसे अधिक राशि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में है, जहां 530 करोड़ रुपये वर्षों से यूं ही जमा पड़े हैं।
दूसरे स्थान पर बैंक ऑफ इंडिया है, जहां 408 करोड़ रुपये का कोई दावेदार सामने नहीं आया।
अन्य बैंकों की स्थिति
अन्य बैंकों में भी करोड़ों रुपये लंबे समय से असंचालित हैं—
- एक्सिस बैंक: 20 करोड़
- बैंक ऑफ बड़ौदा: 50 करोड़
- केनरा बैंक: 89 करोड़
- सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया: 4 करोड़
- डीसीसीबी बैंक: 8 करोड़
- एचडीएफसी बैंक: 6 करोड़
- आईडीबीआई बैंक: 7 करोड़
- इंडियन बैंक: 103 करोड़
- इंडियन ओवरसीज बैंक: 25 करोड़
- झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक: 105 करोड़
- पंजाब एंड सिंध बैंक: 122 करोड़
क्यों पड़े रहते हैं खाते में,और बेवारिस होने से कैसे बचे ?
आंकड़ों के अनुसार, कई खाताधारकों ने अपने बैंक खातों या जमा धनराशि की जानकारी परिवार के लोगों को नहीं बताई। इस कारण बड़ी संख्या में सेविंग अकाउंट और फिक्स्ड डिपॉजिट वर्षों से निष्क्रिय हो गए।
RBI के निर्देश के मुताबिक, बैंक इन निष्क्रिय खातों की रिपोर्ट केंद्रीय बैंक को भेजते हैं, ताकि ‘उद्गम’ और ‘उदयन’ पोर्टल के माध्यम से संबंधित लोगों तक सूचना पहुंचाई जा सके।
राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (SLBC) के उप महाप्रबंधक संतोष कुमार सिन्हा ने पुष्टि की कि इन खातों पर एक दशक से कोई दावा नहीं किया गया है और नियमों के अनुसार इन्हें जल्द ही RBI को सौंपा जाएगा।
विशेषज्ञों के अनुसार, यदि परिजन वित्तीय जानकारी आपस में साझा करें, तो इतनी राशि वर्षों तक बेवारिस होने से बच सकती है।

