जमशेदपुर में होगा ऐतिहासिक साहित्यिक महोत्सव, कला-संस्कृति को मिलेगा नया आयाम

Shashi Bhushan Kumar

झारखंड की सांस्कृतिक राजधानी जमशेदपुर 20–21 दिसंबर को एक भव्य और ऐतिहासिक साहित्यिक महोत्सव की मेजबानी करने जा रही है। विद्यादीप फाउंडेशन द्वारा आयोजित यह दो दिवसीय कार्यक्रम साहित्य, कला, मीडिया, सिनेमा और जनजातीय विरासत जैसे विविध आयामों का संगम पेश करेगा। देशभर के प्रतिष्ठित लेखक, कलाकार, पद्मश्री सम्मानित विभूतियाँ, उद्यमी और युवा क्रिएटिव प्रोफेशनल्स इस महोत्सव में शामिल होंगे। शहर के सांस्कृतिक कैलेंडर में इसे एक बड़े आयोजन के रूप में देखा जा रहा है।

पहला दिन: साहित्य, मीडिया और मनोरंजन पर विशेष सत्र

दोपहर 2:30 बजे दिन की शुरुआत होगी सस्ता सुंदर समूह के प्रबंध निदेशक और जाने-माने उद्यमी बनवारी लाल मित्तल के सत्र से। वे अपनी पुस्तक Cracking the Marwari Code के संदर्भ में भारतीय लोकोक्तियों के व्यावसायिक महत्व पर बात करेंगे। उनके साथ संवाद में शामिल होंगे सिंगापुर स्थित साहित्यकार और मर्चेंट नेवी कैप्टन विनोद कुमार दूबे।3:30 बजे इंडिया टुडे के एंकर डॉ. अंजुम शर्मा “बदलता भारत और मीडिया की नई कहानी” विषय पर चर्चा करेंगे। उनसे संवाद करेंगे जमशेदपुर के वरिष्ठ पत्रकार संजय मिश्र।4:30 बजे फिल्म और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री पर केंद्रित पैनल आयोजित होगा, जिसमें अभिनेता राजेश जैस, पटकथा लेखक डी.एन. ओझा और दिल्ली यूनिवर्सिटी की पूर्व निदेशक डॉ. भारती गोरे शामिल रहेंगे। सत्र का संचालन DU के प्रो. एम.के. पांडेय करेंगे।

पद्मश्री सम्मान समारोह बनेगा मुख्य आकर्षण

पहले दिन 5:30 बजे प्रतिष्ठित पद्मश्री सम्मान समारोह का आयोजन होगा। इस दौरान कई राष्ट्रीय स्तर की विभूतियों को सम्मानित किया जाएगा, जिनमें शामिल हैं:

पर्यावरणविद लक्ष्मण सिंह ,सुंडाराम वर्मा,गोंड कलाकार भज्जू श्याम, ‘टार्जन लेडी’ जमुना टुडू, संताली लेखिका डॉ. दमयंती बेसरा, वनरक्षक चामी मुर्मू, लेखक डॉ. जानुम सिंह सोय, पर्वतारोही प्रीमलता अग्रवाल, अंतरराष्ट्रीय तीरंदाज दीपिका कुमारी, सामाजिक कार्यकर्ता छुटनी देवी

उसी दिन कुछ पुस्तकों का लोकार्पण भी होगा, जिनमें लखनऊ की डॉ. मंजू अग्रवाल की पुस्तक Psychology of Self-Talk प्रमुख है।

दूसरा दिन: कला, रचनात्मकता और जनजातीय परंपरा को समर्पित

21 दिसंबर को पूरा दिन कला और क्रिएटिव वर्कशॉप्स को समर्पित होगा।

सुबह 9:45 बजे पारंपरिक जनजातीय कला पर आधारित एक विशेष वर्कशॉप आयोजित की जाएगी, जिसका संचालन वरली कलाकार आकांक्षा सिंह (वाराणसी) और सोहराय आर्टिस्ट पुनिता मिश्रा (रांची) करेंगी।

इसके बाद “Biograpy of Canvas” शीर्षक सत्र में प्रसिद्ध चित्रकार मनीष पुष्कले, पद्मश्री भज्जू श्याम और IRS अधिकारी एवं कला-संरक्षक ऋतु शर्मा अपने विचार साझा करेंगे। संचालन जयपुर की प्रो. प्रणु शुक्ला करेंगी।

सत्र के बाद शहर के कला छात्रों और कॉलेजों के विभागाध्यक्षों के लिए विशेष इंटरैक्शन और सम्मान समारोह भी आयोजित होगा।

आयोजन समिति का संदेश

आयोजन समिति की सदस्य डॉ. जूही समर्पिता के अनुसार यह महोत्सव जमशेदपुर की कला और संस्कृति को नई पहचान देगा। वहीं समिति सदस्य अभिषेक अग्रवाल गोल्डी ने बताया कि कार्यक्रम के लिए पंजीकरण शुरू हो चुका है और शहर के साहित्यकार, कलाकार, व्यवसायी व विद्यार्थी इसमें हिस्सा ले सकते हैं।


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