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जिले में अवैध अफीम की खेती को जड़ से समाप्त करने और विनष्टीकरण अभियान को और अधिक प्रभावी बनाने के उद्देश्य से समाहरणालय सभाकक्ष में बुधवार को एक उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों को अवैध कारोबारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने का स्पष्ट निर्देश दिया गया। बैठक की अध्यक्षता सीआईडी के आईजी असीम विक्रांत मिंज ने की। उनके साथ बोकारो के आईजी सुनील भास्कर भी मौजूद थे। बैठक में चतरा और हजारीबाग जिलों के पुलिस-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

आईजी असीम विक्रांत मिंज ने कहा कि अवैध अफीम की खेती को पूरी तरह समाप्त करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इस दिशा में ज़ीरो टॉलरेंस की नीति पर पूरी कड़ाई से काम किया जा रहा है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि अफीम की खेती या इससे जुड़े किसी भी प्रकार के अवैध कारोबार में शामिल लोगों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। बैठक में जिले में चल रहे विनष्टीकरण अभियान की प्रगति की गहन समीक्षा की गई। साथ ही, पिछले वर्षों के नारकोटिक्स मामलों की जांच-पड़ताल कर आगे की रणनीति भी तय की गई। आईजी ने याद दिलाया कि पिछले वर्ष चतरा जिले में नवंबर महीने से ही बड़े स्तर पर विनष्टीकरण की शुरुआत की गई थी, जिसके तहत 27 हजार एकड़ में अवैध अफीम की खेती को सफलतापूर्वक नष्ट किया गया था। उन्होंने बताया कि इस वर्ष भी विनष्टीकरण अभियान का शुभारंभ हो चुका है और उसी व्यवस्थित और प्रभावी तरीके से खेतों की पहचान कर कार्रवाई की जाएगी।*नारकोटिक्स मामलों में संपत्ति जब्त होगी*आईजी मिंज ने स्पष्ट किया कि नारकोटिक्स मामलों को लेकर सरकार अत्यधिक गंभीर है। इसी कड़ी में, चतरा जिले में एक व्यक्ति की अवैध संपत्ति पहले ही जब्त की जा चुकी है, जबकि सात से आठ अन्य संदिग्धों की संपत्ति को भी चिन्हित करने की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि केवल जमीन पर काम करने वाले लोग ही नहीं, बल्कि ऐसे मामलों में शामिल सफेदपोश लोगों को भी चिन्हित कर उन पर कानून का शिकंजा कसा जाएगा। उच्च स्तरीय बैठक में अवैध अफीम के अलावा, वर्तमान में बढ़ते साइबर सुरक्षा और साइबर फ्रॉड के मामलों को लेकर भी विशेष चर्चा की गई और अधिकारियों को इन दोनों मोर्चों पर सचेत रहने और प्रभावी ढंग से निपटने के निर्देश दिए गए।

