एक वर्ष में दस प्रतिशत वादे भी पूरे नहीं, नैतिक रूप से कमजोर हुई हेमंत सरकार – जदयू

Shashi Bhushan Kumar

जदयू के प्रदेश प्रवक्ता सागर कुमार ने कहा कि हेमंत सरकार ने वादाख़िलाफ़ी के एक वर्ष पूरे कर लिए। प्रथम वर्ष विफलताओं की भेंट चढ़ गया। कांग्रेस के एक वोट सात गारंटी के वादे की हवा निकल गई, वहीं जेएमएम अपने अधिकार पत्र का दस प्रतिशत वादा भी पूरा नहीं कर पाई। महागठबंधन की सरकार भले एक वर्ष पूर्ण करने पर जश्न मना रही है मगर असल में यह सरकार नैतिक रूप से कमजोर हो चुकी है।

उन्होंने कहा की झारखण्डी ख़ुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। दस लाख नौकरियों का दंभ भरने वाली सरकार एक वर्ष में घोषणा का दस फ़ीसद भी रोज़गार नहीं दे सकी। राज्य में निरंतर गिरती क़ानून व्यवस्था बेहद चिंतनीय है। किसान धान के उचित एमएसपी की बाट जोह रहे, अब तक उनका संपूर्ण कर्ज माफ़ी भी नहीं हुई। उन्होंने कहा की महागठबंधन की सरकार बनाने में महिलाओं की भागीदारी अहम थी लेकिन अब मईयाँ योजना से उनके नाम काटे जा रहे और जिनके नाम है उन्हें समय पर राशि नहीं मिल रही। एक वोट सात अधिकार के तहत साढ़े चार सौ रुपये में गैस सिलेंडर का वादा कर सरकार मुकर गई। पिछड़ों का आरक्षण सीमा बढ़ाने जैसे महत्वपूर्ण विधेयक को लटकाने के उद्देश्य से केंद्र को भेजा। स्थानीय निकायों का चुनाव नहीं करा इन निकायों में अफसरों की मिलीभगत से भारी भ्रष्टाचार किया गया। ख़ुद को अबुआ सरकार बताने वाली सोरेन सरकार में आदिवासियों पर सर्वाधिक अत्याचार हुए। दलितों के उत्थान के लिए एससी आयोग का अब तक गठन नहीं हुआ, यहीं नहीं सूचना आयुक्त, लोकायुक्त जैसे संवैधानिक पदों पर नियुक्ति को बाधित कर रखा गया है। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को विपक्षियों और विरोधियों के लिए टूल किट की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है। ऐसे कई उदाहरण हैं जो विफलता को उजागर करते हैं।उन्होंने कहा यह सरकार अकर्मण्य, भ्रष्ट, नकारा और पूरी तरह से अराजक है।

Share This Article
Digital Head,Live-7, Committed to impactful journalism, Shashi Bhushan Kumar continues to bring meaningful narratives to the public with diligence and passion. Active Journalist since 2012.
Leave a Comment