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चतरा जिले के टंडवा, केरेडारी और सिमरिया से जुड़े हाईवा वाहन मालिकों की पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई के विरोध में शुरू की गई स्वेच्छिक हड़ताल रविवार को पांचवें दिन भी जारी रही। इस हड़ताल के कारण 700 हाईवा के पहिये थम गए हैं, जिससे एनटीपीसी प्लांट, राजधर साइडिंग, और टोरी रेलवे साइडिंग तक हर रोज़ होने वाला लाखों टन कोयले का डिस्पैच बाधित हुआ है। अनुमान के मुताबिक, इस हड़ताल से सरकार को रोज़ करीब एक करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। रविवार को केरेडारी के चुंदरू धाम परिसर में टंडवा, सिमरिया, केरेडारी, कटकमसांडी और आम्रपाली से जुड़े हाईवा वाहन मालिक संघों की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में बीते दिनों वाहनों पर किए गए जुर्माने की कार्रवाई और मुकदमे का कड़ा विरोध जताया गया।
संघ के अध्यक्ष सरोज साहू ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा:
“टंडवा सीआईएसएफ कैंप के समीप नो एंट्री स्थल पर टंडवा पुलिस द्वारा हर रोज वाहनों को जब्त कर कार्रवाई की जा रही है। जिसमें वाहनों पर जुर्माना लगाने के साथ मुकदमा भी दर्ज किया जा रहा है।”> “वहीं, सिमरिया पुलिस और एसडीओ के द्वारा भी हर रोज जुर्माना लगाने के साथ वाहनों को जब्त कर वाहन मालिकों को बेवजह परेशान किया जा रहा है।”
वाहन मालिकों ने कहा कि वे सभी विस्थापित और प्रभावित परिवार हैं, जिन्होंने अपनी जमीन एनटीपीसी जैसी परियोजनाओं को दी है और मुआवजे से वाहन खरीदकर रोजगार शुरू किया है, लेकिन पुलिस की मनमानी से उन्हें कोर्ट-कचहरी के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।
संघ के सदस्य रामकुमार साहु ने बताया कि पिछले पांच दिनों में सैकड़ों वाहन जब्त किए गए हैं। भास्कर न्यूज़ के अनुसार, हाईवा मालिकों ने आरोप लगाया कि टंडवा थाना प्रभारी रात में गाड़ियों को रोककर खराब लाइट, टूटे तिरपाल और स्पीड मीटर खोलकर चलाने का आरोप लगाकर हर हाईवा से पांच से दस हज़ार रुपये तक की अवैध वसूली करते हैं।वहीं, हाईवा मालिकों के आरोपों पर टंडवा थाना प्रभारी अनिल उरांव ने अपना पक्ष रखा। उन्होंने अवैध वसूली के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा:
“हमारे द्वारा कोई भी या किसी भी तरीके का अवैध वसूली नहीं की जाती है। बल्कि ओवरलोड हो, लाइट फ्यूज हो, तिरपाल फटा हो या कोयले की राख रोड में गिर रही हो जिससे प्रदूषण फैलता हो, ऐसी स्थिति में हम प्रॉसिक्यूशन काटते हैं।”
थाना प्रभारी ने बताया कि हाईकोर्ट के निर्देश पर वाहनों की सख्ती से जांच की जा रही है, क्योंकि पूर्व में कोयले वाहनों की चपेट में आने से कई लोगों की जान जा चुकी है। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई जिला अधिकारियों और हाईवा मालिकों की पिछली बैठक में प्राप्त निर्देश के तहत ही की जा रही है। टंडवा एसडीपीओ प्रभात रंजन बरवार ने बताया कि उन्होंने हाईवा मालिकों को वार्ता के लिए बुलाया है, और वार्ता के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।
हाईवा मालिकों ने कहा कि वे विकास विरोधी नहीं हैं, लेकिन पुलिस-प्रशासन के मनमाने रवैये के कारण हड़ताल पर जाने को मजबूर हुए हैं। हड़ताल जारी रहने से एनटीपीसी और देश भर के प्लांटों में कोयले का डिस्पैच कार्य प्रभावित हुआ है, जिसके लिए स्थानीय पुलिस प्रशासन जिम्मेदार है। एसोसिएशन ने फैसला किया है कि टंडवा थाना प्रभारी के खिलाफ शिकायत पत्र सोमवार को मुख्यमंत्री को सौंपा जाएगा।

