धनबाद। झारखंड के धनबाद जिले के केंदुआडीह खनन क्षेत्र में जहरीली गैस का खतरा लगातार गहराता जा रहा है। क्षेत्र के तीन प्रमुख स्थानों—जीएम बंगाल के पास, नया डेरा नंबर-1 गेट और केंदुआ नंबर-5 से लगातार गैस का रिसाव हो रहा है। इस संकट से छह हजार से अधिक आबादी प्रभावित हो रही है। बीते कुछ दिनों से विशेषकर रात के समय गैस रिसाव की तीव्रता बढ़ने के कारण इलाके में दहशत का माहौल बना हुआ है।
अब तक इस जहरीली गैस की चपेट में आकर दो महिलाओं की मौत हो चुकी है, जबकि दो दर्जन से अधिक लोग सिरदर्द, घबराहट, उलझन और बेचैनी की शिकायत के बाद विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराए गए हैं। हालात बिगड़ते देख कई परिवार अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करने को मजबूर हो गए हैं। बीसीसीएल के सीओ विकास आनंद ने बताया कि गैस रिसाव को रोकने के लिए लगातार तकनीकी प्रयास किए जा रहे हैं। प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि गैस रिसाव की तीव्रता पहले की तुलना में कुछ हद तक कम हुई है।
वहीं, धनबाद के उपायुक्त (डीसी) आदित्य रंजन ने बताया कि वैज्ञानिकों की एक विशेष टीम गैस की प्रकृति की जांच कर रही है। रिसाव प्रभावित क्षेत्रों में मिट्टी भराई का कार्य तेजी से किया जा रहा है। साथ ही माइकिंग के जरिए लोगों से घर खाली करने की अपील भी लगातार की जा रही है। वर्तमान में प्रभावित परिवारों को ओल्ड बंगला परिसर में अस्थायी रूप से ठहराया गया है। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तीन एंबुलेंस स्टैंडबाय में तैनात की गई हैं। डीसी ने पुष्टि की कि इलाके में कार्बन डाइऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड गैस का रिसाव हो रहा है, जो अत्यंत खतरनाक है। इधर, स्थानीय ग्रामीणों ने बीसीसीएल पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। ग्रामीणों का कहना है कि जमीन के नीचे वर्षों से आग धधक रही थी, लेकिन समय रहते प्रभावी कदम नहीं उठाए गए। ग्रामीणों ने प्रशासन और कंपनी प्रबंधन से स्थायी पुनर्वास और रोजगार की ठोस व्यवस्था की मांग की है। प्रशासन की स्थिति पर लगातार नजर बनी हुई है, लेकिन क्षेत्र में भय और असुरक्षा का माहौल अब भी बना हुआ है।

