सिविल सर्जन कार्यालय पर लग रहे हैं गंभीर आरोप, कार्यालय परिसर में लोगों ने लगाया भ्रष्टाचार का मामला
LIVE 7 TV / CHATRA

चतरा जिले में नई नियुक्त सरकारी शिक्षकों को नौकरी ज्वाइन करने से पहले ही भ्रष्टाचार का सामना करना पड़ रहा है। शिक्षकों ने चतरा सिविल सर्जन कार्यालय पर गंभीर आरोप लगाया है कि मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करने के नाम पर खुलेआम 1500 से 2000 रुपये तक की वसूली की जा रही है।पीड़ित अभ्यर्थियों का कहना है कि बिना पैसे दिए किसी भी उम्मीदवार का मेडिकल सर्टिफिकेट तैयार नहीं किया जा रहा है। कार्यालय परिसर में कथित दलालों और कर्मियों का एक सक्रिय नेटवर्क मौजूद है, जो आवेदकों से “सहूलियत शुल्क” की मांग करता है।
फोर्थ ग्रेड कर्मचारी, प्रोन्नत स्टाफ और कंप्यूटर ऑपरेटर पर आरोप
कई नव नियुक्त शिक्षकों ने बताया कि वे पिछले दो दिनों से कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उनके सर्टिफिकेट पर सिविल सर्जन के हस्ताक्षर नहीं हो रहे। वहीं जिन्होंने पैसे दिए, उनके प्रमाण पत्र कुछ ही मिनटों में जारी कर दिए गए।
सिविल सर्जन की भूमिका पर उठ रहे सवाल
मामले में सिविल सर्जन डॉ. जगदीश प्रसाद की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। शिकायत है कि जिस कार्यालय में यह वसूली हो रही है, वहां सिविल सर्जन अक्सर मौजूद नहीं रहते। वे कथित तौर पर सदर अस्पताल या अन्य स्थानों से ही प्रमाण पत्रों पर हस्ताक्षर करते हैं।अधिकारियों की अनुपस्थिति और लापरवाही का फायदा उठाकर यह नेटवर्क बेलगाम तरीके से काम कर रहा है, जिससे न सिर्फ अभ्यर्थी परेशान हैं, बल्कि यह सरकारी नियुक्ति प्रक्रिया की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
जांच और कार्रवाई की मांग तेज
शिक्षकों ने जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से इस मामले में तत्काल जांच की मांग की है। साथ ही दोषी कर्मचारियों और दलालों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की आवश्यकता बताई जा रही है।

