15 नवंबर को झारखंड स्थापना दिवस: बिरसा मुंडा की जयंती पर गर्व का उत्सव

Ravikant Upadhyay

झारखंड के पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि 15 नवंबर को बिरसा मुंडा जयंती के दिन झारखंड स्थापना दिवस मनाने की परंपरा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की देन है। उन्होंने बताया कि इस दिन को झारखंड के इतिहास और पहचान से जोड़ने का निर्णय पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी ने लिया था, ताकि वीर बिरसा मुंडा जैसे महान स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को पीढ़ियों तक याद रखा जा सके। मरांडी ने कहा कि वाजपेयी जी के नेतृत्व में झारखंड राज्य का गठन हुआ था और उसी भावना के साथ 15 नवंबर को हर वर्ष यह दिवस मनाया जाता है। “यह दिन सिर्फ एक तारीख नहीं, बल्कि झारखंड की अस्मिता, संघर्ष और स्वाभिमान का प्रतीक है,” उन्होंने कहा।

इस वर्ष खूंटी में झारखंड स्थापना दिवस को भव्य रूप से मनाने की तैयारी चल रही है। खूंटी वही ऐतिहासिक धरती है जहां बिरसा मुंडा ने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ जनांदोलन की चिंगारी भड़काई थी। कार्यक्रम के दौरान भाजपा कार्यकर्ता, आदिवासी समाज के प्रतिनिधि और आम नागरिक करमटोली जेल पार्क से लेकर बिरसा मुंडा जी के समाधि स्थल तक शोभा यात्रा निकालेंगे। इस यात्रा में पारंपरिक वाद्य यंत्रों, झारखंडी संस्कृति और लोक नृत्य की झलक देखने को मिलेगी। कार्यक्रम आयोजकों के मुताबिक, यह आयोजन सिर्फ एक सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि झारखंड की गौरवगाथा का उत्सव होगा। यहां बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया जाएगा और उनके आदर्शों को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प लिया जाएगा।

भाजपा नेताओं ने कहा कि झारखंड की धरती सिर्फ बिरसा मुंडा तक सीमित नहीं है, बल्कि सिद्धू-कानू, चाँद-भैरव, फूलो-झानो, और अल्बर्ट एक्का जैसे अनगिनत वीर सपूतों ने अपने जीवन का बलिदान जनहित और स्वाभिमान की रक्षा के लिए दिया। भाजपा का मानना है कि स्थापना दिवस का उत्सव इन सभी महापुरुषों के बलिदान को नमन करने का अवसर भी है। मरांडी ने कहा, “बिरसा मुंडा सिर्फ एक आदिवासी नेता नहीं थे, वे पूरे भारत के लिए प्रेरणा हैं। उन्होंने अंग्रेज़ों के अत्याचार के खिलाफ जो आवाज़ उठाई, वही झारखंड के जन्म का आधार बनी।” उन्होंने यह भी कहा कि झारखंड की असली पहचान उसकी एकता, मेहनत और संस्कृति में निहित है। 15 नवंबर को पूरा झारखंड अपने वीर सपूतों को नमन करेगा और एक स्वर में यही संदेश देगा — “हम बिरसा की संतान हैं, उनकी विरासत को आगे बढ़ाएंगे।”

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