गैंगस्टर सुजीत सिन्हा और अनुराग गुप्ता गठजोड़ की जांच NIA से हो- बाबूलाल मरांडी

Shashi Bhushan Kumar

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने आज राज्य सरकार पर बड़ा निशाना साधा। मरांडी ने हेमंत सरकार में उजागर हुए गैंगस्टर अपराधी और पुलिस प्रशासन गठजोड़ को लेकर राज्य सरकार पर हमला बोला। कहा कि अवैध डीजीपी अनुराग गुप्ता की नियुक्ति हेमंत सरकार ने गिव एंड टेक फार्मूले के आधार पर किया था। हेमंत सोरेन को अवैध बालू ,कोयला,पत्थर,शराब के काले धन का साम्राज्य चलाने केलिए अनुराग गुप्ता जैसा बदनाम,टेस्टेड और वर्दीवाला गुंडा अपराधी चाहिए था। अनुराग गुप्ता की एक एसपी के रूप ने ख्याति रही थी,मगध यूनिवर्सिटी में इनका डिग्री घोटाला भी कम नहीं है।बाबूलाल ने कहा कि अनुराग गुप्ता का अवैध तरीके से डीजीपी बनने का रिश्ता काला धंधा और राजनीतिक संरक्षण के समीकरण पर टीका था। कहा कि पूरा मामला भारत माला प्रोजेक्ट पर बर्चस्व की लड़ाई और सुजीत सिन्हा के कोयलांचल शांति समिति से जुड़ा हुआ है। इस पूरे खेल में पेटी टेंडर,स्टोन चिप्स,जमीन दलाली, और अन्य अवैध कारोबारों के जरिए एक बड़ा नेटवर्क खड़ा करने की योजना से जुड़ा है।उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट पर नियंत्रण केलिए अनुराग गुप्ता ने सुजीत सिन्हा को चुना था।जिसमें अनुराग गुप्ता की 40%हिस्सेदारी थी।

कहा कि जानकारी मिली है कि सुजीत सिन्हा की पत्नी रिया सिन्हा की गिरफ्तारी के बाद बड़े रहस्य उजागर हुए हैं। अनुराग गुप्ता और रिया सिन्हा के वाट्सअप चैट में अमन साहू के एनकाउंटर के लिए पैसों के लेनदेन और रंगदारी वसूली का पूरा हिसाब किताब दर्ज है।कहा कि चैट से यह स्पष्ट हो गया है कि अनुराग गुप्ता ही कोयलांचल शांति समिति का किंगपिन है।कहा कि इस जानकारी के मिलने के बाद भी अवैध डीजीपी अनुराग गुप्ता को हटाने केलिए मुख्यमंत्री ने पहल नहीं की बल्कि अवैध कमाई में मुख्यमंत्री का हिस्सा नहीं पहुंचने के कारण हेमंत सोरेन की किचेन कैबिनेट में झगड़ा हुआ जिसके कारण अवैध डीजीपी को हटाने की प्रक्रिया शुरू हुई।आरोप लगाते कहा कि रिया सिन्हा ने पूछताछ में यह खुलासा किया है कि सुजीत सिन्हा जेल से ही कारोबारियों से रंगदारी मांगता था,और प्रिंस खान के जरिए धमकाने का काम करता था।13 अक्टूबर 2025 को रिया सिन्हा और अन्य को पुलिस ने गिरफ्तार किया जिसके पास से तीन पिस्टल,सात मैगजीन 13गोलियां,एक कार और मोबाइल बरामद हुए।कहा कि जांच में पाकिस्तान से ड्रॉन के जरिए 21 विदेशी हथियार झारखंड मंगवाए गए ।सुजीत सिन्हा,प्रिंस खान ने एक खतरनाक गठजोड़ बनाया था जिसे रिया सिन्हा संभाल रही थी। राजधानी रांची में हाल के दिनों में रंगदारी कॉल्स इसी गठजोड़ का नतीजा था। पाकिस्तान से ड्रॉन के जरिए मोगा पंजाब के रास्ते आए हथियारों से यह गैंग देश भर में कारोबारियों को धमका कर वसूली करता था।

कहा कि इतना ही नहीं अनुराग गुप्ता दो विभागों सीआईडी और एसीबी के डीजी थे सीआईडी में जमीन के जांच केलिए एसआईटी बनाया गया था,जिसमें याचिकाएं मंगाई जाती थी, स्वतः संज्ञान लेकर फाइल खोलते थे,।एसएसपी दीपक कुमार इस लूट में दाहिने हाथ की भूमिका में थे।डीएसपी अमर पांडे ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।कहा कि जांच के नाम पर गुमनाम पिटीशन के द्वारा लोगों को खूब लूटा गया।कहा कि यह लुटेरी टीम इतनी बेलगाम हो गई कि मुख्यमंत्री से जुड़े लोगों तक को धमकाने,वसूली करने लगी।

कहा कि मामला प्रकाश में आने पर आनन फानन में अमर पांडे पर नकेल कसा गया, नेक्सस टूट जाए,और बात दबी रह जाय इसलिए दीपक कुमार को सिंगल नोटिफिकेशन द्वारा सीआइडी से हटाकर मोहनपुर कमांडेंट बनाकर भेजा गया, फिर अनुराग गुप्ता को हटाया गया।कहा कि झारखंड में इस प्रकार सत्ता के संरक्षण में बढ़ते अपराध,लूट और भ्रष्टाचार की कहानी हेमंत सरकार की सच्चाई है।उन्होंने कहा कि इन सारे मामलों की जांच एनआईए से कराने के लिए वे पत्र लिखेंगे और विस्तृत जांच की मांग करेंगे।उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री में हिम्मत है तो अनुराग गुप्ता के कार्यकाल की उच्चस्तरीय जांच कराएं।आज की प्रेसवार्ता में प्रदेश मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक , प्रवक्ता अजय साह भी उपस्थित थे।

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