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चतरा जिले में सुरक्षा मानकों की अनदेखी के चलते एक दर्दनाक हादसा सामने आया है, जहाँ बिजली का मेंटेनेंस कार्य करते समय पोल से गिरकर एक मिस्त्री की मौत हो गई। यह घटना चतरा के 22 कोर्ट परिसर और उपायुक्त कार्यालय के पास बिजली मेंटेनेंस के काम के दौरान घटी। यह पूरा हादसा ठेकेदार की घोर लापरवाही के कारण हुआ, जिसने मजदूर को बिना सेफ्टी किट के ही इतने खतरनाक कार्य में लगा रखा था। मृतक मिस्त्री की पहचान शिशुपाल कुमार (पिता फागु प्रजापति) के रूप में हुई है, जो मूल रूप से कुन्नू, बोकारो का निवासी था। सूत्रों के अनुसार, शिशुपाल बिजली के खंभे पर मेंटेनेंस का कार्य कर रहा था। चूंकि ठेकेदार अंतु कुमार अग्रवाल ने उसे कोई आवश्यक सुरक्षा उपकरण (सेफ्टी किट) उपलब्ध नहीं कराया था, इसलिए खंभे से फिसलते ही वह सीधे जमीन पर गिर पड़ा और गंभीर रूप से घायल हो गया। यदि सुरक्षा उपकरण उपलब्ध होते, तो शायद उसकी जान बच सकती थी।
“शिशुपाल भाई को बिना किसी सुरक्षा उपकरण के काम पर लगाया गया था। हम सभी ने ठेकेदार से सेफ्टी किट माँगी थी, लेकिन उन्होंने ध्यान नहीं दिया। आज अगर किट होती, तो मेरा साथी ज़िंदा होता। ठेकेदार की लापरवाही से ही उसकी जान गई है।”
पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर आगे की कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के लिए पोस्टमार्टम हेतु भेज दिया है। सदर थाना पुलिस अब ठेकेदार अंतु कुमार अग्रवाल के खिलाफ लापरवाही, गैर-इरादतन हत्या और साक्ष्य मिटाने की कोशिश के आरोप में सख्त कानूनी कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है। यह घटना बिजली ठेकेदारों द्वारा बरती जा रही गंभीर लापरवाही और मजदूरों के जीवन के प्रति उनके उपेक्षापूर्ण रवैये को दर्शाती है।
ठेकेदार ने किया शव लेकर भागने का प्रयास
हादसे के बाद घायल शिशुपाल को तुरंत इलाज के लिए सदर अस्पताल चतरा लाया गया। लेकिन, वहाँ चिकित्सकों ने जाँच के उपरांत उसे मृत घोषित कर दिया। इधर, अपने लापरवाही भरे कृत्य के अंजाम और मामले को बिगड़ता देखकर ठेकेदार अंतु कुमार अग्रवाल भी सदर अस्पताल पहुँचा। उसने मामले को रफा-दफा करने की कोशिश करते हुए, मानवता और कानूनी प्रक्रिया को ताक पर रखकर, मृतक का शव लेकर सदर अस्पताल से फरार होने का प्रयास किया।
मौके पर पहुंची सदर थाना प्रभारी की त्वरित कार्रवाई
मामले की सूचना तुरंत सदर थाना प्रभारी को दी गई। सूचना मिलते ही थाना प्रभारी हरकत में आए और उन्होंने ठेकेदार की गाड़ी का तुरंत पीछा करना शुरू कर दिया। त्वरित कार्रवाई के चलते पुलिस ने ठेकेदार को पकड़ लिया और जबरन ले जाए जा रहे शव को वापस अस्पताल लाया गया। इस पूरे घटनाक्रम ने ठेकेदार की मंशा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, जिससे उसकी लापरवाही के साथ-साथ मामले को छिपाने की कोशिश भी उजागर हुई है।

