मथुरा, 7 अक्टूबर (लाइव 7) लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सांसद और सिने तारिका हेमामालिनी ने अपनी अनूठी नृत्य शैली के जरिये दुनिया में भारतीय लोकसंस्कृति को नया आयाम दिया है।
पांचजन्य आडिटोरियम में हेमामालिनी द्वारा दुर्गा नृत्य नाटिका के जीवंत प्रस्तुतीकरण से प्रभावित होकर ओम बिरला ने कहा “ भरतनाट्यम से प्रारंभ कर हेमा ने सिने जगत में अपनी अनूठी प्रस्तुति देकर भारत का नाम विश्व पटल पर रोशन किया है। हेममामालिनी ने आज अपनी नृत्य नाटिका में शिव पार्वती और दुर्गा के विभिन्न जनकल्याणकारी स्वरूपों को प्रस्तुत किया। मां दुर्गा जहां अपने भक्तों को संरक्षण देती है वही दुष्टों का वे संहार करती हैं तथा वे अभिमान और अत्याचार को भी बर्दास्त नही करतीं। ’’
उन्होने कहा “ लगातार तीसरी बार बनी मथुरा की सांसद हेमामालिनी ने संसद के माध्यम से मथुरा की समस्याओं को सरकार तक पहुंचाया। वे यहां के विकास, यहां की संस्कृति को संरक्षित रखने के लिए और यहां के पर्यावरण को बचाने के लिए संसद के अंदर और संसद के बाहर प्रयत्नशील रहती हैं। उन्होने वृन्दावन के बंदरों द्वारा चश्मा छीनने तक की घटना का भी जिक्र संसद में किया है। ”
लोकसभा अध्यक्ष ने कार्यक्रम के बाद रविवार देर रात पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हेमामालिनी ने यहां के आध्यात्म, धर्म और संस्कृति को विश्व के कोने कोने तक पहुंचाया।उन्होंने कहा कि ’’ श्रीकृष्ण की इस पावन भूमि पर लोगों को आध्यात्मिक शक्ति मिलती है तथा यह भूमि सत्य पर आचरण करने की प्रेरणा देती है।यह भूमि कर्म करने के लिए जानी जाती है तथा यह नसीहत देती है कि बिना फल की किये समाज की सेवा करो।’’
नवरात्र के पावन अवसर पर नाट्यविहार कला केन्द्र मुम्बई की ओर से हेमामालिनी ने नृत्य नाटिका दुर्गा पर जीवंत प्रस्तुति कर दर्शकों का मन मोह लिया।दक्ष बध, शिव तांडव, बमलहरी, शिव पार्वती विवाह और नमस्तस्ये की प्रस्तुति से वातावरण धार्मिकता से इतना रंग गया कि दर्शक समय समय पर तालियों की गड़गड़ाहट के साथ भगवान भोलेनाथ और मां दुर्गा की जयकार करते रहे।
कार्यक्रम की शुरूवात उन्होने जब शिव -सती कथा से की और उसमें भक्ति, और रौद्र रूप का समिश्रण किया तो दर्शक भाव विभोर हो गए।सती और पार्वती के रूप में उनकी जीवंत प्रस्तुति देखकर दर्शक दांतों तले उंगली दबा बैठे।
कार्यक्रम के अंत में इस नृत्य नाटिका के माध्यम से दुर्गा की अनूठी प्रस्तुति कर लोगों का दिल जीतनेवाली मथुरा की सांसद मालिनी ने कहा ’’ अपने पांचजन्य आडिटोरियम में नवरात्र के पावन पर्व पर यह कार्यक्रम प्रस्तुत कर मैं अभिभूत हूं। मैने यह आडीटोरियम यहां इसलिए बनावाया कि मै चाहती हूं कि लोग बाहर से आकर भी यहां पर अपनी कला का प्रस्तुतीकरण करें तथा यहां की युवा शक्ति कला, संगीत और नाट्य के माध्यम से अपनी प्रतिभा को निखारें।” उन्होंने कहा कि वे समय समय पर इस प्रकार के कार्यक्रम यहां पर आगे भी प्रस्तुत करेंगी।
श्रीदुर्गासप्तशती हिन्दू धर्म का सर्वमान्य ग्रन्थ है महाभारत की रचना करनेवाले महर्षि वेदव्यास ने इसकी भी रचना की थी तथा इसका वर्णन मार्कण्डेय पुराण में भी है। इसमें भगवती की कृपा के सुन्दर इतिहास के साथ ही बड़े बड़े गूढ़ रहस्य भरे पड़े हैं । यह ग्रन्थ कर्म, भक्ति और ज्ञान की मन्दाकिनी बहानेवाला ग्रन्थ है।इसमें 13 अध्याय और 700 श्लोक है तथा इसका पाठ करने से दिव्य शक्ति और सुरक्षा का आशीर्वाद मिलता है।
सं
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हेमा ने दुनिया में भारत का मान बढ़ाया: ओम बिरला
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