उच्चतम नैतिक मूल्य व्यक्ति के व्यवहार और कार्य-शैली का होना चाहिए-मुर्मु

Live 7 Desk

उदयपुर 03 अक्टूबर (लाइव 7) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शिक्षा को सशक्तीकरण का सबसे अच्छा माध्यम बताते हुए कहा है कि शिक्षा के साथ उच्चतम नैतिक मूल्य व्यक्ति के व्यवहार और कार्य-शैली का हिस्सा होना चाहिए।
श्रीमती मुर्मु गुरुवार को यहां मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में अपने सम्बोधन में यह बात कही। उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि शिक्षा सशक्तीकरण का सबसे अच्छा माध्यम है। छह दशकों से भी अधिक समय से यह विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा प्रदान कर रहा है। इस विश्वविद्यालय के पूर्व विद्यार्थियों की एक प्रभावशाली सूची है जिन्होंने राजनीति, शिक्षा, खेल, प्रशासन जैसे विविध क्षेत्रों में अपना योगदान दिया है।
उन्होंने कहा ” संविधान निर्माता एवं अग्रणी राष्ट्र-निर्माता बाबा साहब अंबेडकर का मानना था कि चरित्र, शिक्षा से भी ज्यादा महत्वपूर्ण है। वह मानते थे कि ऐसा शिक्षित व्यक्ति जिसमें चरित्र और विनम्रता न हो, हिंसक जीव से भी अधिक खतरनाक होता है। उसकी शिक्षा से यदि गरीबों की हानि हो तो वह व्यक्ति समाज के लिए अभिशाप है। मेरा आप सभी से आग्रह है कि आप जहां भी हों, कोई भी ऐसा कार्य न करें जिससे आपके चरित्र पर कोई लांछन आए।” उन्होंने कहा कि उच्चतम नैतिक मूल्य आपके व्यवहार और कार्य-शैली का हिस्सा हो और हर कार्य न्यायपूर्ण और नीति संगत होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हमारी बेटियां सभी क्षेत्रों में श्रेष्ठ प्रदर्शन कर रही हैं। उनके संज्ञान में आया है कि आज पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में छात्राओं की संख्या छात्रों से अधिक है। यह बहुत खुशी की बात है। उन्होंने पदक जीतने वाली सभी छात्राओं को बधाई है।
उन्होंने कहा कि मेवाड़ और उदयपुर की विभूतियों ने स्वाधीनता संग्  और राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह क्षेत्र सदियों से राष्ट्रीय अस्मिता के संघर्ष का साक्षी रहा है। राणा सांगा, महाराणा प्रताप, और भक्ति काल की महान संत कवयित्री मीराबाई का यह क्षेत्र शक्ति और भक्ति के संगम का क्षेत्र कहा जा सकता है। यहाँ की जनजाति-बहुल आबादी ने इस क्षेत्र का ही नहीं पूरे देश का गौरव बढ़ाया है।
उन्होंने कहा कि यहां के इतिहास का अध्ययन करना चाहिए। इससे आपको भारत की गौरवशाली परंपराओं के बारे में जानकारी मिलेगी। साथ ही ऐसे विलक्षण व्यक्तित्व की जीवन गाथा का परिचय प्राप्त होगा जो आपके लिए आदर्श हो सकते हैं।
उन्होंने कहा कि उन्हें बताया गया है कि इस विश्वविद्यालय और इससे संलग्न, 200 से अधिक, महाविद्यालयों में एक लाख 70 हजार से अधिक विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। इन विद्यार्थियों में एक बड़ी संख्या अनुसूचित जाति और जनजाति समाज के विद्यार्थियों की है। यह समावेशी शिक्षा के माध्यम से सामाजिक न्याय की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान है।
श्रीमती मुर्मु ने कहा कि इस विश्वविद्यालय से संलग्न राजकीय मीरा गर्ल्स कालेज राजस्थान में सबसे बड़े महिला महाविद्यालयों में से एक है और यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि इस विश्वविद्यालय द्वारा यूनिवर्सिटी गर्ल्स कालेज की स्थापना की गई है। इस विश्वविद्यालय में “महिला अध्ययन केंद्र” स्थापित किया गया है। ये सभी प्रयास महिला सशक्तीकरण में सहायक सिद्ध होंगे।
उन्होंने कहा कि बताया गया है कि इस विश्वविद्यालय ने अनेक गांवों को गोद लिया है तथा विद्यार्थियों को ग्  विकास से जोड़ा गया है। यह प्रसन्नता की बात है कि यह विश्वविद्यालय अपने सामाजिक उत्तरदायित्व के प्रति सजग है।
उन्होंने कहा कि आपको 21वीं सदी की दुनिया में अपना स्थान बनाना है। यह तेज गति से हो रहे बदलाव का समय है। यह बदलाव ज्ञान-विज्ञान तथा तकनीकी के क्षेत्र में भी तेजी से हो रहा है। इस बदलते परिवेश में अपनी शिक्षा की उपयोगिता बनाए रखने के लिए निरंतर विद्यार्थी की मानसिकता को बनाए रखना होगा। अब तक जो शिक्षा आपने प्राप्त की है वह जीवन यात्रा के लिए एक प्रस्थान बिन्दु है। जीवन यात्रा का पूरा मार्ग अब आपको अपने निरंतर परिश्रम और निष्ठा के बल पर तय करना है। स्वाध्याय में प्रमाद यानी मानसिक आलस्य न करने की सीख, केवल विद्यार्थी जीवन में ही नहीं, बल्कि आजीवन साथ देती है।
उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा और सामाजिक संवेदनशीलता, दोनों का समन्वय बनाकर आगे बढ़ना चाहिए। वस्तुतः इन दोनों में सहज संतुलन बना रहता है। संवेदना एक प्राकृतिक गुण है। परिवेश, शिक्षा और संस्कारों में व्याप्त कारणों से कुछ लोग अंध-स्वार्थ का मार्ग पकड़ लेते हैं परंतु सबके हित को प्राथमिकता देने की विचारधारा आपकी प्रतिभा को और अधिक विकसित बनाएगी।
उन्होंने कहा कि हमने वर्ष 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने का लक्ष्य रखा है। युवा पीढ़ी के योगदान के बल पर ही यह राष्ट्रीय लक्ष्य प्राप्त करना संभव हो सकेगा और   है कि राष्ट्र निर्माण और देश निर्माण में यथा-शक्ति सर्वाधिक योगदान देंगे।
जोरा
लाइव 7

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