निगम में भाजपा और आप की राजनीति का खामियाजा भुगत रहे दिल्लीवासी : कांग्रेस

Live 7 Desk

नयी दिल्ली 23 अगस्त (लाइव 7) कांग्रेस ने कहा कि दिल्ली नगर निगम में आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओछी राजनीति के कारण राजधानी में सफ़ाई व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई और मामूली बारिश से लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो जाता है।
कांग्रेस के दिल्ली नगर निगम प्रभारी फ़रहाद सूरी और पार्टी के पार्षदों ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में दिल्ली में चरमराई सफ़ाई व्यवस्था के लिए आप और भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए। श्री सूरी ने आप और भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि दोनों दलों की आपसी खींचतान के कारण हर इलाक़े में कूड़े का अंबार लगा हुआ है और उससे उठने वाले दुर्गंध के कारण स्थानीय लोगों का जीना मुहाल हो गया है। आप दिल्ली की सफ़ाई व्यवस्था को लेकर सिर्फ़ आरोप प्रत्यारोप करने में लगी है उन्हें लोगों की कोई चिंता नहीं है।
श्री सूरी ने कहा कि नालों की सफ़ाई नहीं होने के कारण मामूली बारिश से दिल्ली में हर तरफ़ पानी भर जाता है जिससे लोगों को निकालना दूभर हो जाता है।उन्होंने कहा कि नालों की सफ़ाई नहीं होना भी राजेंद्र नगर की दुर्भाग्यपूर्ण घटना की एक प्रमुख वजह बनी।
कांग्रेस नेता ने कहा कि निगम की सत्ता में काबिज आप निगम का मुख्य काम साफ सफाई कराने में भी विफल हो गई है। निगम की आप सरकार ने दिल्ली को बदहाल कर दिया है। दिल्ली की साफ सफाई करने का जिम्मा जिनके कंधों पर है उनके मुख्यालय में ही कई टन कूड़ा महीनों से पड़ा हुआ सड रहा है। उन्होंने बताया कि मुख्यालय के ए-ब्लॉक की बेसमेंट की बी2 पार्किंग में कई टन कूड़ा पडा हुआ है। जिसके घर में ही कई टन कूड़ा सड़ रहा हो उनसे दिल्ली की सफाई की उम्मीद आखिर कैसे की जा सकती है।
श्री सूरी ने बताया कि नगर निगम के उच्चतम न्यायालय के समक्ष एस.सी. मेहता बनाम यूनियन ऑफ इण्डिया एवं अन्य मामले में एक शपथ पत्र दायर कर कहा है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रतिदिन लगभग 11000 मीट्रिक टन कूड़ा का सृजन होता है। वर्तमान कूड़ा प्रसंस्करण संयत्र की क्षमता केवल लगभग 8000 मिटिक टन प्रतिदिन है जिसमें से 7200 एमटीएस की प्रतिदिन संसाधित किया जा रहा है। शेष लगभग 4 हजार मीटिक टन कूडे को गाजीपुर और भलस्वा डम्प स्थलों पर प्रतिदिन बिना प्रसंस्करण के डम्प किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि स्थायी समिति के अभाव में पाँच करोड़ रुपयें से अधिक की परियोजनाओं को स्वीकृति नहीं दी जा सकती जिसके परिणामस्वरूप पिछले 18 महीने से सभी परियोजनाएं ठप्प हो गई है। साफ-सफाई और कूडे के निपटान के लिए प्रस्तावित योजनाएं भी स्थायी समिति के गठन के कारण लंबित पडी हुई है। कूड़ा उठाने वाली एजेंसियों का ठेका खत्म हो गया है। एजेंसियां एक्सटेंशन पर काम कर रही है, जिसकी वजह से साफ सफाई का बुरा हाल है। निगम को नया टेंडर करने के लिए स्थायी समिति का गठन करना होगा।
उन्होंने कहा कि क़ानून के अनुसार पिछले साल 31 मार्च के बाद एक अनुसूचित जाति का महापौर चुना जाना था लेकिन आप और भाजपा की दलित विरोधी सोच के कारण अब तक अनुसूचित कोटे से महापौर नहीं बनाया गया है।
  अशोक
लाइव 7

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