पीएचडी प्रवेश परीक्षा, छात्रसंघ चुनाव सहित अन्य मांगों को लेकर आइसा द्वारा प्रशासनिक घेराव
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रांची विश्वविद्यालय में वर्षों से चली आ रही परीक्षा परिणामों में देरी, पीएचडी प्रवेश परीक्षा 2024, छात्रसंघ चुनाव को ठंडे बस्ते में डालने और अवैध शुल्क वसूली के खिलाफ ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) के नेतृत्व में विश्वविद्यालय प्रशासनिक भवन का घेराव किया गया। प्रदर्शनकारी छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर छात्र-विरोधी नीतियां थोपने और छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया।

घेराव के दौरान आइसा झारखंड राज्य अध्यक्ष कॉमरेड विभा पुष्पा दीप ने कहा कि रांची विश्वविद्यालय में शैक्षणिक सत्र पूरी तरह अनियमित हो चुका है। स्नातक और स्नातकोत्तर परीक्षाओं के परिणाम महीनों तक लंबित रखे जा रहे हैं, जिससे छात्रों का आगे की पढ़ाई और रोजगार दोनों प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि पीएचडी प्रवेश परीक्षा 2024 का आयोजन न होना शोधार्थियों के भविष्य के साथ खुला मज़ाक है। विश्वविद्यालय की स्वायत्तता खत्म कर यूजीसी/सीएसआईआर-नेट और गेट को थोपने की साज़िश के जरिए स्थानीय छात्रों को शोध से बाहर करने की कोशिश की जा रही है, जिसे आइसा किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करेगी।
आइसा की रांची जिला सचिव संजना मेहता ने विश्वविद्यालय को गिनाया और कहा कि आज विश्वविद्यालय का लाॅ विभाग पर बार काॅसिंल ऑफ इंडिया डिग्री को अवैध घोषित कर दिया है न, यह कहकर कि लाॅ की पढ़ाई यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट/स्कूल/काॅलेज में हो सकती है। यहां इंस्टीट्यूट के नाम से है। दूसरी तरफ हर जगह सेल्फ फाइनेंस कोर्स में है, जबकि यहां वोकेशनल कोर्स में डाल दिया गया है, जो विश्वविद्यालय प्रशासन की लापरवाही और छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का साज़िश है। इसके अलावा फीस वसूली के लिए छात्रों को सेमेस्टर परीक्षा में जानबूझकर असफल करने की साज़िश की जा रही है। उन्होंने कहा, यह शिक्षा नहीं, बल्कि दमन की नीति है। छात्रसंघ चुनाव न कराकर छात्रों की लोकतांत्रिक आवाज़ को दबाया जा रहा है। विश्वविद्यालय को जवाबदेह बनाने के लिए छात्रसंघ चुनाव तुरंत बहाल किए जाने चाहिए।
आइसा रांची जिला अध्यक्ष विजय कुमार ने कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 के नाम पर शिक्षा का तेज़ी से निजीकरण किया जा रहा है। गुणवत्तापूर्ण और रोजगारपरक शिक्षा को कमजोर किया जा रहा है। छात्र महंगी और गैर-ज़रूरी फीस के बोझ तले दबे हैं, जबकि बुनियादी सुविधाओं का भी अभाव है। यदि प्रशासन ने जल्द सकारात्मक कदम नहीं उठाए, तो आंदोलन को और व्यापक किया जाएगा।
इस दौरान आइसा ने कुलपति के नाम कुलसचिव को ज्ञापन सौंपते हुए परीक्षा परिणामों को समय पर जारी करने, सत्र को नियमित करने, पीएचडी प्रवेश परीक्षा 2024 शीघ्र आयोजित करने, छात्रसंघ चुनाव बहाल करने, खिलाड़ियों के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने और अवैध फीस वसूली पर रोक लगाने जैसी प्रमुख मांगें रखीं।
घेराव कार्यक्रम में आइसा झारखंड राज्य अध्यक्ष कॉमरेड विभा पुष्पा दीप, रांची जिला सचिव संजना मेहता, जिला अध्यक्ष विजय कुमार, सोनाली केवट, छुटुराम महतो, सत्य प्रकाश, निखिल राज, डीएसपीएमयू अध्यक्ष शालीन कुमार, सुनील सोरेन, वसीम अंसारी, काजल, निकिता, सोनू, अभिषेक, राजीव, उत्सव सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

