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गिरिडीह में खुद को झारखंड स्पेशल ब्रांच का अधिकारी बताकर करीब 15 वर्षों तक प्रभाव और पहचान बनाए रखने वाला शशि कुमार उर्फ शशि सिंह अब जेल की सलाखों के पीछे है। उत्पाद विभाग ने उसे शराब चोरी मामले में दो अन्य आरोपियों के साथ गिरफ्तार कर तीन दिन पहले जेल भेज दिया। उसकी गिरफ्तारी के बाद पुलिस महकमे में भी हलचल तेज हो गई, क्योंकि लंबे समय तक पुलिस और आम लोग उसे स्पेशल ब्रांच का सक्रिय सदस्य मानते रहे।

रोबदार चाल-ढाल से बन गया ‘अधिकारी’, वीआईपी जांच तक में शामिल
बिहार के नवादा निवासी शशि कुमार का गिरिडीह में भव्य मकान है। उसकी कड़क मूंछ, डायरी हाथ में और अधिकारी जैसी हाव-भाव वाली शैली देखकर कोई भी उसे स्पेशल ब्रांच का अधिकारी मान लेता था।वह वीआईपी और वीवीआईपी कार्यक्रमों में स्पेशल ब्रांच की टीम के साथ शामिल रहता था और कई मौकों पर सुरक्षा का निरीक्षण करते हुए भी देखा गया। उसके कई फोटो सामने आए हैं—कहीं वह नेताओं के आगमन से पहले कमरे की जांच में जुटा है, तो कहीं मेटल डिटेक्टर या हथियार के साथ सुरक्षा जांच करता नजर आ रहा है।

कर्मियों की कमी का उठाया फायदा, संवेदनशील दौरों में भी जाता था साथ
झारखंड अलग राज्य बनने के बाद स्पेशल ब्रांच में कर्मियों की कमी थी। इसी स्थिति का फायदा उठाते हुए शशि ने खुद को महत्वपूर्ण कर्मी के रूप में स्थापित कर लिया।अधिकारियों का विश्वास जीतकर वह संवेदनशील इलाकों तक में सुरक्षा टीम के साथ जाता रहा। बताया जाता है कि उसने विभाग का इतना भरोसा हासिल कर लिया था कि उसे कई महत्वपूर्ण सुरक्षा मूल्यांकन में शामिल किया जाता था।
2022 में स्पेशल ब्रांच से नाता टूटा, लेकिन रौब बरकरार
जानकारी के अनुसार शशि कुमार कभी स्पेशल ब्रांच के एसपीओ के रूप में जुड़ा हुआ था, लेकिन 2022 के मध्य में ही मुख्यालय ने उसकी सेवा खत्म कर दी थी। इसके बावजूद वह पुराने प्रभाव का इस्तेमाल करता रहा और अधिकारियों को गुमराह करते हुए खुद को विभाग से जुड़ा बताता रहा।
पुराना परिसदन भवन था सत्ता का अड्डा, अब वहीं से हुआ भंडाफोड़
शशि की मनमानी परिसदन भवन में भी लंबे समय तक चलती रही। बताया जाता है कि एक दौर में वही तय करता था कि भवन में किसे कौन-सा कमरा मिलेगा।विडंबना यह है कि जिस परिसदन भवन के गोदाम में अवैध शराब रखी गई थी, उसी स्टॉक की चोरी के मामले में अब वह जेल में है।
सरकारी गोदाम से 350 पेटी शराब और स्प्रिट गायब के बाद हुआ खुलासा
मामला 2022 में उत्पाद विभाग द्वारा निमियाघाट में पकड़ी गई अवैध शराब के स्टॉक से जुड़ा है। इस स्टॉक को परिसदन भवन के गोदाम में रखा गया था।आरोप है कि शशि कुमार ने इसी गोदाम से शराब निकालकर अपने कमरे में जमा की और फिर उसे वाहनों के जरिए बिहार भेजने का काम करता रहा।जांच में खुलासा हुआ है कि 350 पेटी शराब और भारी मात्रा में स्प्रिट सरकारी रिकॉर्ड से गायब है। इसी आरोप में नगर थाना में एफआईआर दर्ज कर उसे जेल भेज दिया गया।

