LIVE 7 TV/RANCHI
झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) की संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा से जुड़े विवादों पर आखिरकार विराम लग गया है। झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने की अनुमति मिलते ही आज सैकड़ों सफल अभ्यर्थी ढोल–नगाड़ों के साथ मुख्यमंत्री आवास पहुंचे और अपनी खुशी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ साझा की।
सरकार ने कराई निष्पक्ष जांच, दोषियों पर हुई सख्त कार्रवाई

सीएम ने कहा कि कुछ असामाजिक और विरोधी तत्व हमेशा प्रतियोगी परीक्षाओं को बाधित करने की कोशिश करते रहते हैं। सीजीएल परीक्षा के मामले में भी ऐसी साजिश रची गई थी, जिसके चलते मामला अदालत तक पहुंचा।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पूरी पारदर्शिता के साथ जांच कराई और परीक्षा प्रक्रिया को प्रभावित करने वालों पर कठोर कार्रवाई की गई।उच्च न्यायालय ने भी सरकार की निष्पक्ष पहल को मानते हुए नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया।मुख्यमंत्री ने अभ्यर्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि “अगर इरादे नेक हों, तो हर कठिनाई दूर होती है।” उन्होंने कहा कि थोड़ी देरी जरूर हुई, लेकिन अब नियुक्ति प्रक्रिया में आई सभी बाधाएं पूरी तरह समाप्त हो चुकी हैं। मुख्यमंत्री ने इस सफलता के लिए अभ्यर्थियों को बधाई देते हुए कहा कि राज्य सरकार हमेशा युवाओं के साथ खड़ी है।

18 साल की तुलना में 5 वर्षों में ज्यादा नियुक्तियां – सीएम सोरेन
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बताया कि पिछले 18 वर्षों में जेपीएससी ने जितनी सिविल सेवा परीक्षाएं कराईं, उतनी परीक्षाएं उनकी सरकार ने पिछले पांच सालों में ही पूरी कर दीं।उन्होंने कहा कि पूर्व में जेपीएससी की परीक्षाओं में धांधली की शिकायतें लगातार सामने आती रहीं, जबकि वर्तमान सरकार के दौरान आयोजित सभी परीक्षाएं पारदर्शी और निष्पक्ष रहीं।

युवाओं के भविष्य को प्राथमिकता
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि राज्य सरकार युवाओं को सुरक्षित और बेहतर भविष्य देने के लिए प्रतिबद्ध है।
“जब युवा खुश होंगे, तभी झारखंड खुशहाल होगा,” कहते हुए उन्होंने भरोसा दिलाया कि युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करने का प्रयास लगातार जारी रहेगा।

“हमें न्याय मिला, क्योंकि सरकार हमारे साथ थी” – अभ्यर्थी
मौके पर उपस्थित अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार के निष्पक्ष रुख और लगातार प्रयासों के कारण ही उन्हें न्याय मिल सका।उन्होंने कहा कि सीजीएल परीक्षा विवाद की पूरी जांच पारदर्शी तरीके से हुई और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करके सरकार ने युवाओं का विश्वास मजबूत किया।

