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पलामू पुलिस ने हुसैनाबाद में बड़ी कार्रवाई करते हुए ‘खेलो यार’ नाम से चल रहे एक व्यापक ऑनलाइन सट्टेबाजी नेटवर्क का खुलासा किया है। यह नेटवर्क कुख्यात ‘महादेव ऐप’ जैसी प्रणाली पर काम करता था और इसका अवैध कारोबार लगभग ₹40,000 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है। पुलिस ने छापेमारी कर सात लोगों को गिरफ्तार किया है।
यह रैकेट छत्तीसगढ़ के भिलाई से संचालित होता था, जबकि इसका मुख्य सर्वर दुबई में स्थित बताया गया है। नेटवर्क के जरिए प्रतिदिन करोड़ों रुपये का लेनदेन होता था। पलामू में पकड़ी गई फ्रेंचाइजी नंबर 141 अकेले रोजाना 5 से 7 लाख रुपये का लेनदेन करती थी और इसमें 5 से 6 हजार यूजर्स जुड़े थे। इसी गिरोह की अन्य फ्रेंचाइजियां प्रतिदिन 50 से 60 लाख रुपये तक का ट्रांजेक्शन कर रही थीं।
पुलिस के मुताबिक, आरोपी 10 से 15 किराए के बैंक खातों का इस्तेमाल करते थे जिन्हें 5-6 हजार रुपये मासिक पर लिया जाता था। सुरक्षा एजेंसियों की निगरानी से बचने के लिए एक खाते का उपयोग केवल एक माह तक ही किया जाता था। वहीं, पैसों के अवैध प्रवाह को ट्रैक करने से बचने के लिए क्रिप्टोकरेंसी का सहारा लिया जाता था।
सूचना के आधार पर त्वरित कार्रवाई
हुसैनाबाद अनुमंडल कार्यालय के पीछे संदिग्ध गतिविधियों की सूचना पर पलामू एसपी रीष्मा रमेशन के निर्देश पर कार्रवाई की गई। हजारीबाग पुलिस द्वारा ‘म्युल अकाउंट’ संबंधी इनपुट साझा किए जाने के बाद छापेमारी को अंजाम दिया गया।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में राहुल सिंह (भिलाई), सुजीत कुमार विश्वकर्मा, अजित कुमार विश्वकर्मा, रोहित कुमार सिंह (सभी मदनपुर, बिहार), जुबेर अंसारी (बोकारो), अयाज आलम (रामगढ़) और अक्षय कुमार (रांची) शामिल हैं। ये सभी हुसैनाबाद में किराए के मकान से नेटवर्क संचालित कर रहे थे।
पुलिस ने बताया कि पूरे नेटवर्क की गहन जांच जारी है और अन्य कड़ियों की तलाश की जा रही है।

