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विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के उद्देश्य से दिल्ली पब्लिक स्कूल, रांची में प्राथमिक संकाय का वार्षिकोत्सव “मंथन : द चर्निंग विदीन – क्रिएशन टू कॉन्शसनेस” अत्यंत भव्यता और सांस्कृतिक समृद्धि के साथ आयोजित किया गया।
विवेकानंद सभागार में आयोजित यह कार्यक्रम समुद्र मंथन की आधार कथा पर आधारित रहा, जिसमें सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा के द्वंद्व के बीच आत्म-मंथन का संदेश दिया गया। कार्यक्रम ने इस शाश्वत सत्य की ओर संकेत किया कि जब मनुष्य अपने भीतर के विष का दमन कर लेता है, तभी अमृत का उद्भव होता है।

मुख्य अतिथि की उपस्थिति से बढ़ी शोभा

कार्यक्रम का शुभारंभ स्वागत गीत,दीप प्रज्वलन और गणमान्य अतिथियों को स्कूल की प्राचार्या ने बाल-वृक्ष भेंटकर किया I समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे डॉ. अमिताभ कौशल (सचिव, वाणिज्यिक कर विभाग तथा उत्पाद एवं मद्यनिषेध विभाग)। वहीं स्कूल की प्राचार्या डॉ. जया चौहान, शिक्षकगण एवं अभिभावक की उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढ़ी ।

विद्यार्थियों की बहुभाषीय और बहुमाध्यम प्रस्तुति
विद्यार्थियों ने संस्कृत सहित अन्य विदेशी भाषाओं में कविताओं की सुंदर प्रस्तुति देकर भाषाई मैत्री का संदेश दिया।
संगीत, नृत्य और नाट्य अभिव्यक्ति के माध्यम से समुद्र मंथन को वर्तमान दौर की चुनौतियों से जोड़ते हुए योग की विभिन्न पद्धतियों का भी आकर्षक प्रदर्शन किया गया, जिसने मानसिक तथा शारीरिक ऊर्जा के महत्व को प्रभावी ढंग से सामने रखा।
मेधावी छात्रों का सम्मान

लगातार तीन वर्षों तक 90% से अधिक अंक प्राप्त करने वाले लगभग 45 विद्यार्थियों को ब्लू स्कूल ब्लेज़र प्रदान कर सम्मानित किया गया। विद्यालय प्रबंधन ने उन्हें भविष्य में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन जारी रखने को प्रोत्साहित किया।
मुख्य अतिथि ने की विद्यालय की प्रयासों की सराहना
मुख्य अतिथि डॉ. अमिताभ कौशल ने छात्रों की प्रतिभा और आत्मविश्वास की प्रशंसा करते हुए कहा कि विद्यालय केवल शिक्षण संस्थान नहीं, बल्कि चरित्र निर्माण का केंद्र होता है। उन्होंने डीपीएस रांची द्वारा छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए किए जा रहे प्रयासों को सराहनीय बताया और प्राचार्या डॉ. जया चौहान को शुभकामनाएँ दीं।
प्राचार्या हुईं भाव-विभोर
प्राचार्या डॉ. जया चौहान विद्यार्थियों की प्रभावशाली प्रस्तुतियों को देखकर भाव-विभोर हो उठीं। उन्होंने बच्चों के आत्मविश्वास और रचनात्मक कौशल की प्रशंसा करते हुए कहा कि विद्यालय सदैव छात्रों के लिए विकास की नई राहें प्रशस्त करता रहेगा।

‘मंथन’ ने जोड़ा कला, इतिहास और चेतना
सांस्कृतिक कार्यक्रम मंथन ने न केवल विद्यार्थियों की कलात्मक क्षमता को मंच प्रदान किया बल्कि पौराणिक कथाओं से जोड़ते हुए उनके व्यावहारिक महत्व को भी उजागर किया। दर्शकों की लगातार गूंजती तालियों ने विद्यार्थियों का उत्साह बढ़ा दिया।

कार्यक्रम के समापन पर सभी प्रतिभागियों के मंच पर एक साथ आने से पूरा सभागार सतरंगी दृश्य में बदल गया। हेड बॉय और हेड गर्ल के धन्यवाद ज्ञापन के साथ वार्षिकोत्सव का सफल समापन हुआ।

