भारत की विकास गाथा के लिए प्रतिबद्ध है जेसीबी इंडिया : दीपक शेट्टी

Shashi Bhushan Kumar
जेसीबी इंडिया के एमडी एंड सीईओ दीपक शेट्टी

जेसीबी इंडिया महज एक कंपनी का नाम नहीं अपितु सही मायने में देखें तो भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में यह कंपनी तेजी के साथ काम कर रही है. ग्रामीण क्षेत्र हो यह फिर शहरी क्षेत्र सभी जगहों पर जेसीबी इंडिया भारत की विकास गाथा के लिए प्रतिबद्ध है. यह कंपनी सिर्फ रोजगार ही नहीं दे रही बल्कि भारत के विकास में कदम से कदम मिलकर चल रही है. आधी आबादी को भी इस कंपनी में समुचित सम्मान मिल रहा है. यह कंपनी भारत में अर्थमूविंग और निर्माण उपकरणों के अग्रणी निर्माताओं में से एक है. कंपनी ने भारत में 1979 में एक संयुक्त उद्यम के रूप में शुरुआत की. भारत में छह अत्याधुनिक फैक्ट्रियों के साथ, जेसीबी न केवल घरेलू बाजार के लिए बल्कि निर्यात के लिए भी विश्व स्तरीय उपकरणों की एक विस्तृत श्रृंखला का निर्माण करती है. जेसीबी इंडिया की सभी फैक्ट्रियां ‘वन ग्लोबल क्वालिटी’ (एक वैश्विक गुणवत्ता) पर काम करती हैं, और भारत में बने उत्पादों को 135 से अधिक देशों में निर्यात किया जाता है. बल्लभगढ़ (नई दिल्ली के पास) फैक्ट्री में जेसीबी का भारत में मुख्यालय भी है. बैकहो लोडर के अलावा, यह 57 एकड़ की फैक्ट्री डीजल और प्राकृतिक गैस जनरेटर और डीजल इंजन का निर्माण करती है.कंपनी ने 2006 और 2007 में अपने ‘हेवी लाइन’ व्यवसाय के लिए पुणे में दो फैक्ट्रियां स्थापित करके अपने परिचालन का विस्तार किया. यह 98 एकड़ की एकीकृत सुविधा फैब्रिकेशन, ट्रैक किए गए एक्सकेवेटर, व्हील्ड लोडर और कॉम्पेक्शन उपकरण का निर्माण करती है, जिसके लिए यह ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब है. पुणे में यूनाइटेड किंगडम के बाहर जेसीबी का सबसे बड़ा डिजाइन केंद्र भी है जिसमें लगभग 500 इंजीनियर हैं.


2014 में जयपुर में दो और फैक्ट्रियों के लिए आगे का निवेश किया गया, जिसमें एक 114 एकड़ की, पर्यावरण के अनुकूल, हरित विनिर्माण सुविधा का उद्घाटन किया गया. ये दो फैक्ट्रियां फैब्रिकेशन, बैकहो लोडर, मिनी एक्सकेवेटर, स्किड स्टीयर, टेलीहैंडलर और एक्सेस रेंज के उत्पाद का निर्माण करती हैं. जेसीबी जयपुर एक लैंगिक रूप से विविध सुविधा भी है जिसमें शॉप फ्लोर पर 34% से अधिक कार्यबल महिलाएं हैं. यह एक्सेस रेंज की मशीनों के लिए ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब भी है.अप्रैल 2022 में, जेसीबी ने वडोदरा, गुजरात में भारत में अपनी छठी फैक्ट्री चालू की. इस फैक्ट्री का उद्घाटन यूके के तत्कालीन प्रधान मंत्री, बोरिस जॉनसन ने किया था. यह फैक्ट्री निर्यात बाजारों के लिए फैब्रिकेटेड घटकों का निर्माण करती है और इसमें शॉप फ्लोर पर 52% से अधिक महिलाएं हैं, जो विनिर्माण में विविधता का एक उल्लेखनीय उदाहरण है. इसने लगभग चार दशक पहले भारत में प्रतिष्ठित बैकहो लोडर पेश किया था, तब से लेकर अब तक 5,00,000 से अधिक बैकहो बेचे जा चुके हैं. आज जेसीबी रेंज में दस श्रेणियों में 60 से अधिक उत्पाद हैं. भारत व्यवसाय में दक्षिण एशिया और अफ्रीका के बाजार भी शामिल हैं.

जेसीबी इंडिया के एमडी एंड सीईओ दीपक शेट्टी ने बताया कि चार दशकों से भी ज़्यादा समय से, जेसीबी भारत की विकास गाथा के लिए प्रतिबद्ध रही है. 1979 में भारत में बैकहो लोडर की शुरुआत से लेकर आज कंपनी के वैश्विक विनिर्माण क्षेत्र में अग्रणी बनने तक, जेसीबी इंडिया देश और उसके समुदायों को हर दिन मज़बूत बना रही है. निरंतर नवाचार, क्रांतिकारी उत्पादों और वैश्विक गुणवत्ता मानकों के पालन से प्रेरित होकर, जेसीबी ने पांच लाख से ज़्यादा मशीनें बेची हैं – ‘मेक इन इंडिया’ पहल को आगे बढ़ाते हुए और लाखों लोगों को सशक्त बनाने की दिशा में आगे बढ़ाते हुए, भारत आज न केवल जेसीबी के लिए एक महत्वपूर्ण बाज़ार है, बल्कि समूह के लिए वैश्विक विनिर्माण केंद्र भी है. सभी संयंत्र एक वैश्विक गुणवत्ता के सिद्धांत पर काम करते हैं. इन कारखानों में बने उत्पाद दुनिया भर के 135 से ज़्यादा देशों में निर्यात किए जाते हैं.उन्होंने बताया कि कंपनी ने 2006 और 2007 में अपने ‘हेवीलाइन’ व्यवसाय के लिए पुणे में दो कारखाने स्थापित करके अपने परिचालन का विस्तार किया. ये कारखाने समूह के लिए ट्रैक्ड एक्सकेवेटर, व्हील्ड लोडर, कॉम्पैक्शन उपकरण और फैब्रिकेशन का निर्माण करते हैं. हमारे चेयरमैन लॉर्ड बामफोर्ड ने 1979 में भारत में निवेश किया था, जब भारत में निवेश करना फैशन में नहीं था, और तब से, कंपनी ‘आत्मनिर्भरता’ का एक बेहतरीन उदाहरण बन गई है. दूसरी बात यह है कि हमारी फैक्ट्री भारत में हो, यूके में, ब्राजील में, अमेरिका में, हम एक ही सेट के ड्रॉइंग्स का पालन करते हैं. समान टॉलरेंस (सहनशीलता). और इसलिए हमारे ग्राहक विश्वसनीयता के दृष्टिकोण से हमारी मशीनों को वास्तव में पसंद करते हैं.उन्होंने कहा कि हमारी 70% मशीनें ग्रामीण भारत में बेची जाती हैं. तो, एक बहुत ही साधारण व्यक्ति, जिस व्यक्ति के पास अपनी जेब में 3 लाख रुपये हैं, वह ऋण ले सकता है. अब, जब आप होम लोन के लिए जाते हैं, तो आम तौर पर आपको 20% डाउन पेमेंट करना होता है.


जेसीबी के लिए, यदि आपके पास सही क्रेडिट बैकग्राउंड है, तो आप 95% तक ऋण प्राप्त कर सकते हैं. हमारे डीलर 6500 से अधिक इंजीनियर हैं जो हमारे ग्राहकों को सहायता प्रदान करते हैं जो हमारी मुख्य ताकत रही है. पिछले 15 सालों से हमने पूर्वोत्तर पर बहुत ध्यान केंद्रित किया है. हम ‘चिकन नेक’ के दूसरी तरफ वेयरहाउस रखने वाली पहली कंपनी थे. हमने रांची, जमशेदपुर, यहां तक कि भुवनेश्वर में भी नए डीलर स्थापित किए हैं. पिछले कुछ वर्षों में जो दूसरी खूबसूरत बात हुई है, वह यह है कि जैसे-जैसे सड़क के बुनियादी ढांचे में सुधार हुआ है, आज हमें मशीनों को पूरे देश में भेजने में अधिक समय नहीं लगता है. हमारे पास पूरे भारत में 5 विशाल वेयरहाउस हैं जहां हम पार्ट्स स्टॉक करते हैं. और जिसके कारण हम यह जांचने में सक्षम हैं कि हम ग्राहकों को घंटों के संदर्भ में कितनी तेज़ी से समर्थन करते हैं. जेसीबी लगातार नवाचार कर रही है और बाज़ार में नए और नए उत्पाद जोड़ रही है. अब निर्माण उपकरण क्षेत्र में हमारी मशीनें जानी जाती हैं. बहुत सारी मशीनें कृषि क्षेत्र में भी उपयोग की जाती हैं. तो, इस साल हमने कृषि के लिए एक विशेष मशीन लॉन्च की है. उन्होंने कहा कि आम तौर पर अगर आप कृषि मशीनों को देखें, तो वे एक ट्रैक्टर लेते हैं और उस पर कुछ जुगाड़ करते हैं, लोडिंग करने के लिए. हमने विभिन्न अटैचमेंट के साथ मशीन को पूरी तरह से डिज़ाइन किया है. और मुझे लगता है कि वह मशीन कृषि क्षेत्र के लिए सामग्री ले जाने के लिए एक बेहतरीन समाधान है।हम एक हाइड्रोजन जेनसेट लॉन्च कर रहे हैं.

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Digital Head,Live-7, Committed to impactful journalism, Shashi Bhushan Kumar continues to bring meaningful narratives to the public with diligence and passion. Active Journalist since 2012.
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