पटना। बिहार में नई सरकार के गठन की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। 20 नवंबर को मुख्यमंत्री पद का शपथ ग्रहण कार्यक्रम निर्धारित है। इस बीच मंगलवार को बिहार भाजपा प्रदेश कार्यालय स्थित अटल सभागार में नवनिर्वाचित विधायकों की अहम बैठक बुलाई गई, जिसमें भाजपा विधायक दल का नेता चुने जाने का औपचारिक निर्णय लिया गया।
बैठक में सर्वसम्मति से सम्राट चौधरी को भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया। इससे स्पष्ट हो गया है कि सम्राट चौधरी बिहार में नई सरकार में उपमुख्यमंत्री की भूमिका निभाएंगे। इसके अलावा, उपनेता का पद एक बार फिर से विजय कुमार सिन्हा को सौंपा गया। बैठक सुबह 11:30 बजे आयोजित की गई थी, जिसमें सभी नवनिर्वाचित भाजपा विधायक उपस्थित रहे।
वहीं दूसरी ओर, जदयू के विधायक दल की बैठक भी बुधवार को आयोजित की गई। इस बैठक में नीतीश कुमार को जदयू विधायक दल का नेता चुना गया। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि नीतीश कुमार ही बिहार के अगले मुख्यमंत्री होंगे। हालांकि, अंतिम रूप से यह निर्णय आज शाम को होने वाली एनडीए बैठक में स्पष्ट होगा, जिसमें यह तय किया जाएगा कि कौन मुख्यमंत्री और कौन उपमुख्यमंत्री होंगे।
एनडीए बैठक में यह भी तय किया जाएगा कि विधानसभा स्पीकर और गृह मंत्रालय के पद किसके हाथ में जाएंगे। बताया जा रहा है कि विधानसभा स्पीकर का पद भाजपा के कोटे में जाएगा। इस पद के लिए प्रेम कुमार का नाम सबसे आगे माना जा रहा है। वहीं, गृह मंत्रालय को लेकर अभी भी जदयू और भाजपा के बीच चर्चा जारी है और इस पर अंतिम फैसला आने वाला है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि भाजपा और जदयू के बीच उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्रालय के पद को लेकर पिछले कुछ दिनों से मतभेद चल रहे थे। इन पदों के आवंटन को लेकर दोनों दलों के बीच बैठकों और समझौतों की प्रक्रिया जारी रही। अब जबकि विधायक दल के नेता चुने जा चुके हैं, माना जा रहा है कि अंतिम निर्णय जल्द ही एनडीए बैठक के दौरान हो जाएगा।
इसके अलावा, बिहार में 202 विधानसभा सीटों वाले विधानसभा चुनाव में एनडीए ने कुल 202 सीटें जीतकर स्पष्ट बहुमत हासिल किया है। भाजपा ने 89 सीटों पर जीत दर्ज की है, जबकि जदयू 85 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर रही। लोक जनशक्ति (आरएल) पार्टी ने 29 सीटों पर चुनाव लड़ा और 19 सीटें जीती, जो एनडीए में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा और राष्ट्रीय लोक मोर्चा को क्रमशः पांच और चार सीटों पर जीत मिली।
सम्राट चौधरी और नीतीश कुमार के नेता चुने जाने के बाद अब बिहार की राजनीतिक प्रक्रिया अगले चरण में प्रवेश कर चुकी है। राजनीतिक दलों और जनता की निगाहें 20 नवंबर को प्रस्तावित शपथ ग्रहण समारोह पर टिकी हैं। इस दिन नई सरकार का औपचारिक रूप से गठन होगा और सरकार की कार्यकारी जिम्मेदारियों का बंटवारा स्पष्ट होगा।
बिहार की राजनीतिक हलचल में यह समय अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि आगामी पांच वर्षों के लिए राज्य का नेतृत्व तय होने वाला है। सभी की निगाहें एनडीए बैठक पर टिकी हैं, जो नई सरकार के स्वरूप और पदाधिकारियों की नियुक्ति को अंतिम रूप देगा।

