पटना, — बिहार में नई सरकार गठन की तैयारियां तेज़ हो गई हैं। विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद अब सत्ता परिवर्तन की औपचारिक प्रक्रिया आज पूरी होने जा रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज अपने पद से इस्तीफा देंगे और उसके बाद नई सरकार बनाने का दावा प्रस्तुत करेंगे। इसके लिए वे राजभवन जाकर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को अपना इस्तीफा सौंपेंगे। इस्तीफा देने से पहले जदयू ने विधायक दल की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है, जिसमें नीतीश कुमार को आधिकारिक रूप से विधायक दल का नेता चुना जाएगा। हालांकि यह सिर्फ औपचारिकता मानी जा रही है, क्योंकि जदयू में नेतृत्व को लेकर किसी तरह का मतभेद नहीं है। पार्टी सूत्रों के अनुसार सभी विधायक एकमत से नीतीश कुमार के पक्ष में हैं।
उधर भारतीय जनता पार्टी ने भी आज सुबह 10 बजे अटल सभागार में अपनी एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की है। इस बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और केंद्रीय पर्यवेक्षक, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य करेंगे। इसमें सभी नवनिर्वाचित भाजपा विधायक भाग लेंगे। बैठक का मुख्य उद्देश्य भाजपा विधायक दल के नेता का चयन करना है। पार्टी के भीतर भी यह चर्चा तेज है कि किस चेहरे को सरकार में प्रमुख जिम्मेदारी दी जाएगी। इन दोनों बैठकों के बाद बिहार की राजनीति का केंद्र दोपहर 3 बजे मुख्यमंत्री आवास पर होने वाली NDA की बड़ी बैठक होगी। इस बैठक में NDA के सभी 202 विधायक उपस्थित रहेंगे। इस दौरान NDA विधायक दल के नेता का चयन किया जाएगा। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि गठबंधन में नीतीश कुमार को एक बार फिर से सर्वसम्मति से नेता चुना जाएगा।
नीतीश कुमार बिहार की राजनीति में एक स्थिर चेहरा माने जाते हैं और NDA के घटक दलों के बीच भी वे स्वीकार्य हैं। ऐसे में यह लगभग तय है कि विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद वे शाम तक राज्यपाल के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश कर देंगे। इसके बाद नई सरकार गठन की प्रक्रिया आधिकारिक रूप से शुरू होगी। राज्यपाल द्वारा आमंत्रण मिलने के बाद नीतीश कुमार शपथ ग्रहण समारोह की तारीख और समय तय करेंगे। माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल में जदयू और भाजपा के अलावा NDA के अन्य सहयोगी दलों को भी उचित प्रतिनिधित्व दिया जाएगा।
बिहार में चुनाव परिणाम आने के बाद जिस गति से राजनीतिक गतिविधियां बढ़ी हैं, उससे साफ है कि NDA बिना किसी देरी के स्थिर सरकार देने की तैयारी में है। आज की बैठकों और उसके बाद की कार्रवाइयों से यह स्पष्ट हो जाएगा कि नए कार्यकाल में कौन-सा चेहरा कौन-सी जिम्मेदारी संभालेगा और नीतीश कुमार किस नई रणनीति के साथ आगे बढ़ेंगे। दिन भर की राजनीतिक हलचलों पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी, क्योंकि आज का दिन बिहार की नई सरकार के भविष्य की दिशा तय करने वाला साबित होने जा रहा है।

