एसआईआर का दूसरा चरण में मंगलवार से, 12 राज्यों, केन्द्रशासित प्रदेशों की नयी मतदाता सूचियां होंगी तैयार

Live 7 Desk

नयी दिल्ली, 27 अक्टूबर (लाइव 7) चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु, पुड्डुचेरी समेत 12 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का काम मंगलवार से शुरू करने की घोषणा की है जो सात फरवरी तक संपन्न कर लिया जायेगा।
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को यहां एक विशेष संवाददाता सम्मेलन में एसआईआर के दूसरे चरण के कार्यक्रम की घोषणा करते हुए विश्वास जताया कि इस संवैधानिक कार्य में आयोग को सभी राज्यों का पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा। श्री ज्ञानेश कुमार के साथ चुनाव आयुक्त डाॅ सुखबीर सिंह संधू और डॉ विवेक जोशी उपस्थित थे।
उन्होंने कहा कि जिन राज्यों में दूसरे चरण में एसआईआर कराया जाना है, उनमें अंडमान-निकोबार, चंडीगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, लक्षद्वीप, मध्यप्रदेश, पुड्डुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। इन राज्यों की मतदाता सूचियों में आज आधी रात के बाद तब तक कोई बदलाव नहीं किया जायेगा जब तक कि एसआईआर का काम संपन्न नहीं हो जाता। इसके साथ ही इस कार्य से जुड़े अधिकारियों-कर्मचारियों के तबादले आयोग की अनुमति से ही किये जा सकेंगे।
आयोग द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार एसआईआर के दूसरे चरण में तीन नवंबर तक फार्मों की छपाई और कर्मचारियों का प्रशिक्षण होगा, चार नवंबर से चार दिसंबर तक बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ), प्रशासन के वालंटियर और राजनीतक दलों के एजेंटों के माध्यम से घर-घर जाकर छपे हुए निर्वाचक गणना फार्मों का वितरण और उन्हें वापस जुटाकर मतदाता पंजीकरण अधिकारियों (ईआरओ) के पास जमा करवाने की प्रक्रिया चलेगी।
कार्यक्रम के अनुसार गणना फार्मों की प्राप्ति के आधार पर संबंधित राज्यों और केन्द्र शासित क्षेत्रों की नयी मतदाता सूची का मसौदा नौ दिसंबर को प्रकाशित कर दिया जायेगा और उसी दिन से आठ जनवरी 2026 तक उन पर दावे और आपत्तियां प्राप्त की जायेंगी। नौ से 31 जनवरी तक नोटिस और सत्यापन की प्रक्रिया पूरी की जायेगी और पक्की मतदाता सूची सात फरवरी को जारी कर दी जायेगी।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने एसआईआर के पहले चरण में पूरे उत्साह से भाग लेने के लिए बिहार के साढ़े सात करोड़ मतदाताओं की पूर्ण भागीदारी को लेकर उनके प्रति आभार जताया। उन्होंने कहा कि बिहार की पक्की सूची पर दावे और आपत्तियां शून्य के बराबर हैं, जो दर्शाती हैं कि राज्य की मतदाता सूची ‘अधिकतम’ रूप से शुद्ध है।
उन्होंने बताया कि बिहार के एसआईआर के अनुभवों के बाद दूसरे चरण के एसआईआर में मतदाताओं को मतदाता गणना फाॅर्म के साथ विनिर्दिष्ट 11 दस्तावेजों में से किसी दस्तावेज को जमा कराने की जरूरत नहीं है लेकिन सत्यापन के दौर में कागजात मांगे जा सकते हैं।
उन्होंने इन राज्यों के मतदाताओं को कानून के अनुसार केवल एक ही ‘मतदाता गणना फॉर्म ‘ जमा कराने की सलाह देते हुए कहा, ” हो सकता है कि किसी का नाम दो क्षेत्रों की सूची में रह गया हो और ऐसे में उसे दो जगह से यह फाॅर्म प्राप्त हो सकता है लेकिन यदि वह मानसिक रूप से कानूनी अपराध की इच्छा नहीं रखता हो तो, उसे मात्र एक ही गणना फार्म जमा कराना चाहिए।”
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि बिहार की ही तरह एसआईआर के दूसरे चरण में भी 2002 से लेकर 2004 के बीच में करायी गयी पिछली एसआईआर के बाद तैयार सूचियों को मिलान का आधार बनाया जायेगा। इन राज्यों और क्षेत्रों की वर्तमान सूचियों के मिलान का कार्य इनके मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) ने कर लिया है।
उन्होंने पश्चिम बंगाल और केरल को लेकर संवाददाताओं द्वारा पूछे गये सवाल के जवाब में कहा कि सभी संवैधानिक संस्थाओं के लिए संविधान सर्वोपरि है। उन्होंने कहा कि केरल में अभी स्थानीय निकायों के चुनावों के लिए अधिसूचना जारी नहीं की गयी है, इसलिए वहां दूसरे चरण में एसआईआर कराने का फैसला किया गया है।
बिहार में एसआईआर के राजनीतिक विरोध के बारे में एक सवाल पर मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि वह ऐसा नहीं मानते कि वहां राजनीतिक दलों का विरोध था। राज्य में 12 राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय दलों के 1.06 लाख बूथ स्तरीय एजेंटों ने बूथ स्तरीय अधिकारियों के साथ बढ़-चढ़ कर सहयोग किया। सभी जिला अध्यक्षों ने भी इस कार्य में पूरा सहयोग दिया और चुनाव से पहले आयोग के दौरे में इन दलों ने नेताओं ने एसआईआर की सराहना की। आजाद. .श्रवण
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